ऐसे किसी को नहीं पीट सकती पुलिस, गया में दारोगा और सिपाही पर गिरी गाज, क्या है नियम?
गया पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक गलत आचरण एंव अनुशासनहीनता के लिए प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए सहायक अवर निरीक्षक अमित कुमार और सिपाही रवि कुमार राय को गया के एसएसपी द्वारा तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू किए जाने के पूर्व स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
आम जीवन में लोग मानते हैं कि पुलिस कहीं भी किसी को पीट देती है। लेकिन नियम ऐसा नहीं है। पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। गया बांके बाजार में एक कार पर सवार युवकों के साथ मारपीट करने के मामले में आरोपित दो पुलिसकर्मियों को एसएसपी आशीष भारती ने सस्पेंड कर दिया है। जिला पुलिस मुख्यालय की ओर से यह कार्रवाई शेरघाटी के सहायक पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह की रिपोर्ट पर की गई है। एसएसपी ने कहा है कि किसी के साथ बुरा वर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। इससे पुलिस की छवि खराब होती है। उन्होंने जिला पुलिस बल के सभी अधिकारियों और कर्मियों को मैसेज भी दे दिया है।
गया पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक गलत आचरण एंव अनुशासनहीनता के लिए प्राथमिक जांच में दोषी पाए गए सहायक अवर निरीक्षक अमित कुमार और सिपाही रवि कुमार राय को गया के एसएसपी द्वारा तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू किए जाने के पूर्व स्पष्टीकरण की मांग की गई है। जाहिर है कि आमजनों के साथ बुरा बर्ताव कर फ्रेंडली पुलिस की छवि को बिगाड़ने वाले अनुशासनहीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जिला पुलिस मुख्यालय ने जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार कर ली है। बताया जाता है कि गत 25 सितम्बर को बांकेबाजार थाने के हरनकेल गांव के दो युवकों के साथ पुलिस ने तब अकारण मारपीट की थी, जब वह अपनी कार पर सवार होकर बांकेबाजार की तरफ जा रहे थे।
बेलागंज में निर्दोष को फंसाने की रची थी साजिश रिपोर्ट है कि इससे पूर्व जुलाई में गया के बेलागंज थानाक्षेत्र में भी एक निर्दोष को फंसाने की कोशिश में तीन पुलिसकर्मियों को वरीय पुलिस अधीक्षक ने दंडित किया था। तब बेलागंज थानाक्षेत्र के चंदौती गांव में एक निर्दोष को फंसाने के लिए तीन पुलिसकर्मियों ने साथ में लाए हथियार को निर्दोष के घर में सोफा के नीचे छिपा दिया था और फिर उसे बरामद करने का नाटक कर रहे थे। इस मामले के भंडाफोड़ के बाद एसएसपी ने अमित कुमार, अजित कुमार और रीना कुमारी नामक तीन पुलिस अधिकारियों को निलम्बित कर दिया था।
आमस के थानेदार भी हुए थे निलंबित
बता दें कि अनुशासनहीनता और गलत आचरण के आरोप में इससे पूर्व आमस के थानेदार इंद्रजीत कुमार को मगध प्रक्षेत्र के आइजी क्षत्रनील सिंह ने निलम्बन की सजा दी थी। तब दारोगा ने विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी को लेकर अपशब्द कहा था और सूबे के मुख्यमंत्री के साथ अपनी रिश्तेदारी का दावा करते हुए डींगें हांकी थी। दारोगा के इस व्यवहार का वीडियो तब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खूब वायरल हुआ था।