हेला मशीन से कैंसर का इलाज, किडनी प्रत्यारोपण और ड्रोन से दवाई की डिलीवरी; हाईटेक हुआ पटना AIIMS
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने किडनी प्रत्यारोण इकाई, नवजात बच्चों के लिए अत्याधुनिक 30 बेड के नीकू वार्ड इकाई और ड्रोन से स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत उनके द्वारा की गई। इन सभी सुविधाओं पर लगभग 40 करोड़ की राशि खर्च हुई है।
बिहार में अब अत्याधुनिक मशीन से कैंसर का इलाज होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटना एम्स में कैंसर मरीजों के लिए अत्याधुनिक हेला मशीन (हाई एनर्जी लीनियर एक्सीलेरेटर) से इलाज की सुविधा की शुरुआत की। मंगलवार को पीएम ने नई दिल्ली से ऑनलाइन इस सुविधा की शुरुआत की। सक्रिय श्वास समन्वयक (एबीसी) से युक्तइस मशीन से कैंसर ट्यूमर को पूरी तरह से नष्ट करने में आसानी होगी। इसके साथ ही शरीर में फैले केंसर कोशिकाओं को भी इससे नष्ट किया जा सकता है। इस मशीन को 27.50 करोड़ की लागत से लगाई है। पटना एम्स बिहार का पहला अस्पताल है जहां इस तरह की मशीन लगी है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने किडनी प्रत्यारोण इकाई, नवजात बच्चों के लिए अत्याधुनिक 30 बेड के नीकू वार्ड इकाई और ड्रोन से स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत उनके द्वारा की गई। इन सभी सुविधाओं पर लगभग 40 करोड़ की राशि खर्च हुई है। नीकू इकाई पर कुल 4 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत आई है। अब तक नीकू वार्ड में बेडों की संख्या मात्र आठ थी।
मंगलवार से 12 हो गई है। अगले दो सप्ताह में इसे बढ़ाकर 30 बेड तक किया जा सकेगा। मंगलवार से एम्स में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा भी प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई है। किडनी प्रत्यारोपण इकाई पर कुल 3 करोड़ 60 लाख लागत आई है। एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ जीके पाल ने बताया कि अब यहां मरीजों की किडनी प्रत्यारोपण भी शुरू हो सकेगी।
10 मिनट में एम्स से दवाई लेकर नौबतपुर पीएचसी पहुंचा ड्रोन
एम्स पटना में मंगलवार से ड्रोन से स्वास्थ्य सेवाओं की शुरुआत हो गई। पहले दिन एम्स पटना से दवाइयों का खेप लेकर नौबतपुर पीएचसी पहुंचा। दवाइयों को एम्स से पहुंचाने में मात्र 10 मिनट लगा। मौके पर एम्स निदेशक ने कहा कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाके में भी ड्रोन से दवाइयों को पहुंचाने का कार्य एम्स पटना द्वारा किया जाएगा।