पटना एम्स को पीएम मोदी देंगे बड़ी सौगात; किडनी ट्रांसप्लांट, NICU समेत कई सुविधाओं का करेंगे शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पटना एम्स में करोड़ों की सुविधाओं का वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। जिसमें किडनी ट्रांसप्लांट, 24 बेड वाले एनआईसीयू और ड्रोन सर्विस भी शामिल हैं। जिसकी जानकारी पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पटना एम्स को बड़ी सौगात देंगे। किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट, एनआईसीयू और ड्रोन सर्विस समेत करोड़ों की सुविधाओं का वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। जिसकी जानकारी पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने दी। आयुर्वेद दिवस पर पीएम मोदी देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सुविधा वितरण की आधारशिला रखेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सक्रिय श्वास समन्वयक पर 27.50 करोड़ की लागत, एनआईसीयू पर 4.80 करोड़ और किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट पर 3.60 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 24 बिस्तरों वाले एनआईसीयू के उद्घाटन के साथ, एम्स पटना 32 बिस्तरों वाला सबसे बड़ा अत्याधुनिक एनआईसीयू वाला राज्य का पहला अस्पताल बन जाएगा। उच्चतम स्तर 3 सुविधा वाले एनआईसीयू में 20 वेंटिलेटर होंगे, जिनमें उच्च-आवृत्ति ऑसिलेटरी वेंटिलेटर शामिल होंगे। नवजात सर्जरी, रक्त और रक्त घटक चिकित्सा, फोटोथेरेपी और अन्य उन्नत सुविधाओं मिलेंगी। वर्तमान में पटना एम्स में आठ बिस्तरों वाला एनआईसीयू है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पटना एम्स को बड़ी सौगात देंगे। किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट, एनआईसीयू और ड्रोन सर्विस समेत करोड़ों की सुविधाओं का वर्चुअली शुभारंभ करेंगे। जिसकी जानकारी पटना एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने दी। आयुर्वेद दिवस पर पीएम मोदी देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और सुविधा वितरण की आधारशिला रखेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि सक्रिय श्वास समन्वयक पर 27.50 करोड़ की लागत, एनआईसीयू पर 4.80 करोड़ और किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट पर 3.60 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 24 बिस्तरों वाले एनआईसीयू के उद्घाटन के साथ, एम्स पटना 32 बिस्तरों वाला सबसे बड़ा अत्याधुनिक एनआईसीयू वाला राज्य का पहला अस्पताल बन जाएगा। उच्चतम स्तर 3 सुविधा वाले एनआईसीयू में 20 वेंटिलेटर होंगे, जिनमें उच्च-आवृत्ति ऑसिलेटरी वेंटिलेटर शामिल होंगे। नवजात सर्जरी, रक्त और रक्त घटक चिकित्सा, फोटोथेरेपी और अन्य उन्नत सुविधाओं मिलेंगी। वर्तमान में पटना एम्स में आठ बिस्तरों वाला एनआईसीयू है।
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दूसरी ओर, ड्रोन का इस्तेमाल दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं, वैक्सीन और एंटी-स्नेक वेनम (एएसवी) की आपूर्ति करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों तक पहुंचने के लिए किया जाएगा। पटना एम्स से 400 किमी के दायरे में लगभग 10 आउटरीच केंद्र स्थापित होंगे, जहां से ड्रोन के जरिए जरूरी दवाएं, टीके लोगों तक पहुंच सकें।
पटना एम्स ने बताया कि आउटरीच सेंटर किसी भी राज्य सरकार के भवन में स्थापित किए जा सकते हैं, ड्रोन सेवाएं शुरू करने के लिए दो कमरों की आवश्यकता होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता वाली एम्स पटना की स्थायी वित्त समिति ने पिछले साल 7 जुलाई को ड्रोन परियोजना को मंजूरी दे दी थी। बिहार सरकार ने 27 अगस्त को एम्स पटना में पहले मानव किडनी प्रत्यारोपण के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी। डॉ. पाल ने कहा कि एम्स पटना ने मंगलवार को सुबह 11:45 बजे से अपने सभागार में दिल्ली से वर्चुअल कार्यक्रम दिखाने की व्यवस्था की है।