Hindi Newsबिहार न्यूज़People of Seemanchal Districts not taking advantage of Government Schemes know data of Niti Ayog

सीमांचल के लोग क्यों नहीं ले रहे योजनाओं का लाभ, क्या कहते हैं नीति आयोग के आंकड़े?

सर्वे के अनुसार चार जिले के विद्यार्थी भी शैक्षणिक उत्थान के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। मात्र 0.49 प्रतिशत परिवारों की बालिकाएं कन्या उत्थान योजना का लाभ ले रही।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, स्वाति आनंदThu, 26 Sep 2024 09:59 AM
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बिहार के सीमांचल के जिलों में जागरूकता की कमी से लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस क्षेत्र के चार जिले केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में आज भी पिछड़े हैं। यह खुलासा एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (आद्री) के हाल में जारी सर्वे में हुआ है। आद्री सोसायटी की ओर से सीमांचल के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में योजनाओं की स्थिति को लेकर सर्वे कराया गया। इसमें 816 परिवार और 4205 लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट बताती है कि 816 परिवारों में जागरूकता की कमी के कारण 81.5 प्रतिशत लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे।

शिक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने में विद्यार्थी सुस्त

सर्वे के अनुसार चार जिले के विद्यार्थी भी शैक्षणिक उत्थान के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। मात्र 0.49 प्रतिशत परिवारों की बालिकाएं कन्या उत्थान योजना का लाभ ले रही। वहीं 7.72 प्रतिशत परिवार की बालिकाएं ही मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, 0.25 प्रतिशत परिवार के विद्यार्थी राज्य कोचिंग योजना का लाभ ले रहे।

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बिहार के सीमांचल के जिलों में जागरूकता की कमी से लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस क्षेत्र के चार जिले केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में आज भी पिछड़े हैं। यह खुलासा एशियाई विकास अनुसंधान संस्थान (आद्री) के हाल में जारी सर्वे में हुआ है। आद्री सोसायटी की ओर से सीमांचल के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में योजनाओं की स्थिति को लेकर सर्वे कराया गया। इसमें 816 परिवार और 4205 लोगों को शामिल किया गया। रिपोर्ट बताती है कि 816 परिवारों में जागरूकता की कमी के कारण 81.5 प्रतिशत लोग योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे।

शिक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेने में विद्यार्थी सुस्त

सर्वे के अनुसार चार जिले के विद्यार्थी भी शैक्षणिक उत्थान के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। मात्र 0.49 प्रतिशत परिवारों की बालिकाएं कन्या उत्थान योजना का लाभ ले रही। वहीं 7.72 प्रतिशत परिवार की बालिकाएं ही मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, 0.25 प्रतिशत परिवार के विद्यार्थी राज्य कोचिंग योजना का लाभ ले रहे।

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सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का लाभ 0.49 प्रतिशत परिवार की महिलाएं ले रही। इनमें सबसे अधिक 33.82 प्रतिशत परिवार की छात्राएं मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना का लाभ ले रही।

नीति आयोग की रिपोर्ट में भी सबसे गरीब जिले के रूप में पहचान: नीति आयोग की वर्ष 2023 की रिपोर्ट में भी इन चार जिले अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार की पहचान भारत के सबसे गरीब जिले के रूप में की गई थी।

किस योजना से कितना लाभ?

● 0.49 % परिवारों की बालिकाएं कन्या उत्थान योजना का लाभ ले रही

● 0.25 प्रतिशत परिवार के विद्यार्थी राज्य कोचिंग योजना का लाभ उठा रहे

● 7.72 % परिवार की बालिकाएं मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना

● 33.82 % परिवार की छात्राएं मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना का लाभ ले रही

सबसे अधिक पीडीएस योजना के लिए जागरूक हैं परिवार

सर्वे में यह भी खुलासा हुआ कि सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में यदि इस क्षेत्र के लोग सबसे अधिक लाभ ले रहे तो वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) योजना है। इसमें सस्ती कीमत पर खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। सर्वे में शामिल परिवारों में से 67.4 प्रतिशत परिवार इस योजना का लाभ ले रहा है। इसके बाद 61.15 परिवारों की सात निश्चय के तहत स्वच्छ पेयजल और बिजली तक पहुंच है। वहीं तीसरे स्थान पर उज्ज्वला योजना है।

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