Hindi Newsबिहार न्यूज़पटनाVaccination Corners to be built in 22 hospitals in Patna

पटना के 22 अस्पतालों में बनेंगे टीकाकरण कॉर्नर

पटना शहर में 22 ऐसे शहरी अस्पताल चिह्नित किए गए हैं, जहां इस माह के अंत तक टीकाकरण कार्नर बनाये जाएंगे। प्रदेश में पटना एकमात्र ऐसा जिला होगा, जहां ऐसी सुविधा होगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग पटना की...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाTue, 3 Dec 2019 05:16 PM
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पटना शहर में 22 ऐसे शहरी अस्पताल चिह्नित किए गए हैं, जहां इस माह के अंत तक टीकाकरण कार्नर बनाये जाएंगे। प्रदेश में पटना एकमात्र ऐसा जिला होगा, जहां ऐसी सुविधा होगी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग पटना की तर्ज पर ही अन्य जिलों में टीकाकरण कार्नर बनाने की तैयारी में है। छह माह पूर्व शहर के तीन अस्पतालों में प्रयोग के तौर पर टीकाकरण कार्नर बनाये गये थे, जो काफी सफल रहा। टीकाकरण कार्नर में बच्चों के मनोरंजन के साधन भी रहेंगे ताकि वे खेलकूद कर सकें।

पटना जिले में दो साल उम्र के लगभग डेढ़ लाख बच्चे हैं, जिनका प्रत्येक सप्ताह सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण कराया जा रहा है। इनमें दो प्रतिशत ऐसे बच्चे हैं, जिनके मां-बाप प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण करा रहे हैं। न्यू गार्डिनर रोड, दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल और रेडक्रॉस सोसायटी में मॉडल टीकाकरण केंद्र बनने के बाद सरकारी अस्पतालों में टीकाकारण कराने का प्रतिशत बढ़ा है। इसीलिए प्रयोग के तौर पर शास्त्रीनगर, गुलजारबाग और जयप्रभा अस्पताल में टीकाकरण कार्नर बनाये गये। यहां बच्चों के लिए खिलौने भी रखे गए हैं। मां के साथ आने वाले बच्चे खिलौने से मनोरंजन करते हैं, इसी बीच उनका टीकाकरण कर दिया जाता है। 23 दिसंबर को पटना से 23 अलग-अलग वाहन टीकाकरण के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न जिलों के लिए रवाना होंगे।

पटना में आठ हजार बच्चों को नहीं लगे हैं सभी तरह के टीके

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. एसपी विनायक ने बताया कि पटना जिले में करीब आठ हजार ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें शत-प्रतिशत टीका नहीं लगा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने घर-घर जाकर ऐसे बच्चों को चिह्नित किया है। इन बच्चों को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण किया जाएगा। बच्चों को सात टीका जरूरी होते हैं। दो साल के बच्चों को सात टीका लगने के बाद ही माना जाता है कि शत-प्रतिशत टीकाकरण हुआ। नौ बीमारियों से बचाव के लिए यह टीका लगाया जाता है। जिन बीमारियों से बचाव के लिए टीका लगाया जाता है, उनमें खसरा, डिप्थेरिया, कुकुरखांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस, पोलियो, जापानी इनसेफलाइटिस, निमोनिया और डायरिया से बचाव के लिए रोटा वायरस का टीका शामिल है।

पांच प्रखंडों के बच्चों में टीकाकरण पर विशेष बल

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पटना के पांच ऐसे प्रखंड हैं, जहां खसरे का टीका लगाए जाने पर बच्चों में बेहोशी या शरीर में रिएक्शन की घटनाएं हुई हैं। यही कारण है कि इन प्रखंडों में टीकाकरण बहुत ही सावधानी से किया जाता है। सोमवार से इन प्रखंडों में टीकाकरण का विशेष अभियान शुरू किया गया। दो साल आयु वर्ग के बच्चों को टीकाकरण पर बल दिया जा रहा है। जो प्रखंड शामिल किए गए हैं, उनमें बख्तियारपुर, बाढ़, फुलवारीशरीफ, धनरुआ और फतुहा शामिल हैं। बख्तियारपुर में 3378 बच्चों को टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें 3132 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। इसी प्रकार बाढ़ में 3206 में से 2971, फुलवारीशरीफ में 4058 बच्चों में से 3807, धनरुआ में 3040 में से 3094 तथा फतुहा प्रखंड में 2942 में से 2742 बच्चों को टीकाकरण हो चुका है। शेष बचे बच्चों का सोमवार से टीकाकरण शुरू किया गया है।

इन शहरी पीएचसी में बनाये जाने हैं कार्नर

मारूफगंज, गुलजारबाग, कसबा, जयप्रभा अस्पताल, आलमगंज, बड़ी पहाड़ी, कंकड़बाग, पोस्टल पार्क , लोहानीपुर पूर्वी, लोहानीपुर पश्चिमी, शास्त्रीनगर, रूकनपुरा, कमला नेहरू नगर, दीघा मुसहरी, दाउदपुर बागीचा दानापुर, झकरी महादेव गोला रोड, कौशलनगर गर्दनीबाग, सिपाराडीह, चांदपुर बेला, संदलपुर कुम्हरार, दीदारगंज, मुख्य सचिवालय।

बीमारियों से बच्चों का बचाव हो, इसके लिए टीकाकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। खासकर मलिन बस्तियों में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। उम्मीद है अगले कुछ महीनों में पटना जिले में बच्चों का शत- प्रतिशत टीकाकरण हो जाएगा।

- कुमार रवि, डीएम, पटना।

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