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Hindi Newsबिहार न्यूज़पटनाUPI Revolutionizes Banking in Bihar Reduces ATM Usage

एटीएम पर भारी पड़ रहा यूपीआई एप

बिहार में एटीएम पर यूपीआई का उपयोग कम हो गया है। डिजिटल भुगतान की बढ़ती प्रवृत्ति के चलते, यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों में यूपीआई से होने वाले ट्रांजेक्शन में...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाSun, 15 Sep 2024 03:20 PM
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बिहार में बैंकिंग सेवाओं के तहत एटीएम पर यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भारी पड़ रहा है। देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी लोगों का एटीएम बूथ तक जाना कम हो गया है। इसकी जगह डिजिटल पेमेंट लोकप्रिय हो रहा है। वहीं, यूपीआई ट्रांजेक्शन की गति तो सबसे तेज होती जा रही है। यूपीआई ने डेबिट कार्ड से होने वाले ट्रांजेक्शन की गति को धीमा कर दिया है। बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों की मानें तो जिस हिसाब से यूपीआई का ट्रांजेक्शन बढ़ा है, यह आंकड़ा अगले 24 महीने में हरेक महीने 20 अरब यूपीआई ट्रांजेक्शन पर पहुंच जाएगा। एटीएम पर लगने वाली लाइन हुई समाप्त

राज्य में 6548 बैंक एटीएम संचालित हैं, लेकिन एटीएम पर लगने वाली लाइन अब समाप्त हो चुकी है। बहुत कम बैंकिंग ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। ज्यादातर ग्राहक भीम एप, गूगल पे, पेटीएम इत्यादि का प्रयोग कर रहे हैं। छोटे-छोटे वेंडर हो, सब्जी एवं फल विक्रेता हो या बड़े शो-रूम एवं मॉल में भी यूपीआई पेमेंट की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है।

छोटे-छोटे भुगतान ने बढ़ाया यूपीआई

जानकारी के अनुसार देश भर में यूपीआई से होने वाले छोटे-छोटे ट्रांजेक्शन की सुविधा के चलते डेबिट कार्ड की जगह यूपीआई के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है। पिछले तीन साल में यूपीआई की तुलना में डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन की रफ्तार कम हो गयी है। भारतीय रिजर्व बैंक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2020 में डेबिट कार्ड से कुल खर्च 2.81 ट्रिलियन था, जो कि जुलाई 2023 में बढ़कर 3.15 ट्रिलियन हो गया। यानी इसमें 11.96 प्रतिशत की तेजी रही। जबकि, इसी अवधि के दौरान यूपीआई से खर्च में 428 प्रतिशत की रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई। यह आंकड़ा तीन साल में 2.90 ट्रिलियन से बढ़कर 15.33 ट्रिलियन पर जा पहुंचा है। सूत्रों के मुताबिक, बीते अगस्त में यूपीआई से होने वाले ट्रांजेक्शन का आंकड़ा 10 अरब रुपये पहुंच गया जो अब तक किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है। वैल्यूम टर्म में मंथली यूपीआई 15 खरब रुपये से भी ज्यादा हो गया।

1- पिछले पांच वर्षों में दस गुना से अधिक बढ़ा यूपीआई ट्रांजेक्शन (स्रोत : एनपीसीआई (नेशनल पेमेंटस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया)

वित्त वर्ष ट्रांजेक्शन की संख्या (करोड़ में) ट्रांजेक्शन की गई राशि (लाख करोड़ रुपये में) कितना बढ़ा (ट्रांजेक्शन की संख्या)

2019-20 1251.90 21.32 -----

2020-21 2233.10 41.04 78.38 प्रतिशत

2021-22 4596.80 84.18 105.85 प्रतिशत

2022-23 8375.10 139.21 82.19 प्रतिशत

2023-24 13113.50 199.95 56.61 प्रतिशत

बिहार में यूपीआई ट्रांजेक्शन पर एक नजर (स्रोत : रिजर्व बैंक)

शहर ट्रांजेक्शन (मिलियन में)

पटना 2.05

मुजफ्फरपुर 0.58

पश्चिम चंपारण 0.56

वैशाली 0.55

पूर्वी चंपारण 0.43

अन्य जिले 7.04

कोट :-

‘ महानगर व शहर से लेकर छोटे बाजार व गांव तक पेटीएम पेमेंट तथा गूगल पे राशि लेन-देन का एक पसंदीदा विकल्प बन चुका है। डिजिटल ट्रांजेक्शन अधिक होने से एटीएम ट्रांजेक्शन पर प्रभाव पड़ रहा है।

-- डीएन एन त्रिवेदी, पूर्व संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन।

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