पीएमसीएच सहित 5 जिला अस्पतालों को मिली डीएनबी की मान्यता
पीएमसीएच और पांच जिला अस्पतालों को डीएनबी की मान्यता मिली है, जिससे राज्य में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ेगी। पीएमसीएच को न्यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स के लिए मान्यता मिली है।...
पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलज अस्पताल) सहित 5 जिला अस्पतालों को डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) की मान्यता मिल गई। नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस की टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर मान्यता मिली है। 5 जिला अस्पतालों में दो वर्षीय कोर्स के लिए दो-दो सीटों की मान्यता मिली है, जबकि पीएमसीएच को 3 वर्षीय सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की मान्यता मिली। इससे राज्य में दो वर्षीय कोर्स की 10 सीटें और तीन वर्षीय कोर्स की 5 सीटें बढ़ जाएंगी। पीएमसीएच को न्यूरोलॉजी में 3 सीट और नेफ्रोलॉजी में 2 सीट डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड सुपर स्पेशियलिटी के 3 वर्षीय कोर्स के लिए मान्यता मिल गई है। बेगूसराय और भोजपुर जिला अस्पताल को एनिस्थिसिया में दो-दो सीटों की मान्यता मिली है। रोहतास, गोपालगंज और नालंदा को पेड्रियाट्रिक्स में दो-दो सीटों की मान्यता मिली है।
डीएनबी कार्यक्रम के राज्य सलाहकार प्रभाकर सिन्हा ने बताया कि राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में विभिन्न विभागों में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में मान्यता के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे। पीएमसीएच सहित 5 जिला अस्पतालों को डीएनबी की मान्यता मिलना बड़ी उपलब्धि है। पीएमसीएच में तत्काल कॉडियोलॉजी और यूरोलॉजी में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स के लिए मान्यता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का तीन दर्जन अस्पतालों को डीएनबी की मान्यता दिलाने का लक्ष्य है। लक्ष्य पूरा होने की स्थिति में पीजी स्तर की सीटों की संख्या बढ़ कर 150 हो जाएगी।
अब तक 5 अस्पतालों में मिली है मान्यता
दो माह पूर्व बिहार मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (बिम्हास) को डीएनबी के तहत 4 सीटें मिलीं थी। समस्तीपुर सदर अस्पताल को पेडियाट्रिक्स के लिए दो सीटों की मान्यता मिली थी। इसके पहले डीएनबी में मोतिहारी सदर अस्पताल को 6 सीट, सीतामढ़ी को 2 और एलएनजेपी हड़्डी अस्पताल में 4 सीट मिली थी।
डीएनबी से फायदा
मेडिकल कॉलेज अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी के डॉक्टर मिलेंगे। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे जिला अस्पतालों को लाभ होगा। अध्ययनरत चिकित्सक एमबीबीएस डिग्रीधारी होंगे, जो अस्पताल में अपनी सेवा देंगे। इससे मरीजों को सुविधा होगी। यहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आने वाले चिकित्सक नीट पास कर डीएनबी पाठ्यक्रम में नामांकन करवा सकेंगे। डीएनबी की पढ़ाई शुरू करने को लेकर क्लास-रूम, लाइब्रेरी आदि का निर्माण होगा। साथ ही अकाउंटेंट, डिपार्टमेंटल मैनेजर, डाटा ऑपरेटर, चतुर्थवर्गीय व सुरक्षा गार्ड आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्या है डीएनबी
डीएनबी में डिग्री तीन वर्ष का जबकि डिप्लोमा दो वर्ष का होता है। इसके शुरू होने से बिहार तथा बिहार से बाहर एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्र जिला सदर अस्पतालों में पीजी की पढ़ाई करने आएंगे। उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ सरकार की ओर से हर महीने अतिरिक्त भत्ता दिया जाता है।
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