बीटेक डिग्रीधारी जेई पद के योग्य नहीं : हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने जूनियर इंजीनियर (जेई) पद के लिए बीटेक डिग्रीधारी की योग्यता को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जल संसाधन विभाग के भर्ती नियम स्पष्ट हैं, और डिप्लोमा धारक...

बीटेक डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर (जेई) पद के योग्य नहीं हैं। जल संसाधन विभाग के अधीन इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम-2023 के नियमों को चुनौती देने वाली अर्जी को पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद 35 पन्ने का आदेश जारी किया। जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के रूप में सिविल/मैकेनिकल/इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या समकक्ष निर्धारित किया गया है। लेकिन बीटेक डिग्रीधारी उम्मीदवार इस पद पर आवेदन कर नियुक्त हो जाते थे। इसके बाद राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियमावली बनाई। इसके तहत डिग्रीधारी को जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अयोग्य करार कर दिया। इस नियम को हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संबंधित नियम जूनियर इंजीनियर के पद के लिए निर्धारित योग्यता के संबंध में स्पष्ट है। ऐसा कोई नियम नहीं है जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त करनेवाले को अपने से कम योग्यता वाले पदों पर बहाल होने का अवसर दिया जाए। पद के लिए योग्यता निर्धारित करना भर्ती नीति का मामला है और नियोक्ता के रूप में राज्य पात्रता की शर्त के रूप में राज्य योग्यता निर्धारित करने का हकदार है। निर्धारित योग्यताओं के दायरे का विस्तार करना न्यायिक समीक्षा की भूमिका या कार्य का हिस्सा नहीं है। यह किसी योग्यता की समतुल्यता से जुड़ा मामला भी यह नहीं है जिसे न्यायिक समीक्षा की शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्धारित किया जा सके। यह पूरी तरह से राज्य/भर्ती प्राधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है।
कोर्ट ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि किसी विशेष पद के लिए योग्यता निर्धारित करते समय नियोक्ता विभिन्न कारकों को ध्यान में रख सकता है। विशेष रूप से पद की कार्यक्षमता के साथ-साथ सामाजिक ढांचे में नौकरी के अवसरों के सृजन को ध्यान में रखते समय। कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के अधीनस्थ इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियमावली, 2023 के नियम 8 (I) (II) और (III) को असंवैधानिक करार देने से इनकार कर दिया। साथ ही कोर्ट ने 72 डिग्रीधारी की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि सभी आवेदक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्थानों से बीटेक (सिविल) की डिग्री ले रखी थी। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधीनस्थ इंजीनियरिंग (सिविल) संवर्ग भर्ती नियम-2023 के नियम 8(1)(ii) और (iii) की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। इसमें जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के रूप में सिविल/ मैकेनिकल/ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या समकक्ष निर्धारित किया गया है। इसे मनमाना, तर्कहीन और असंवैधानिक कहते हुए याचिका दायर की गई थी।
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