फॉगिंग का झूठ: 400 कर्मी, रोज 5 लाख खर्च फिर भी बढ़ रहा डेंगू का मर्ज
पटना में डेंगू महामारी की तरह फैलता जा रहा है। पीएमसीएच में अब तक 1755 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू से तीन लोगों की जान भी जा चुकी है। राज्य सरकार का दावा है कि डेंगू के मच्छरों को...
पटना में डेंगू महामारी की तरह फैलता जा रहा है। पीएमसीएच में अब तक 1755 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू से तीन लोगों की जान भी जा चुकी है। राज्य सरकार का दावा है कि डेंगू के मच्छरों को मारने के लिए मलेरिया और नगर निगम दोनों मिलकर दवा का छिड़काव कर रहे हैं। जलजमाव प्रभावित इलाकों की एक-एक गली में छिड़काव किया जा रहा है। जब हिन्दुस्तान स्मार्ट टीम ने इन दोनों कार्यालयों में पड़ताल की तो सारे सरकारी दावे झूठे निकले। मलेरिया विभाग में छिड़काव की कोई जानकारी ही नहीं दे पाया। किस मोहल्ले में दवा का छिड़काव किया गया, इसका कोई लेखा जोखा ही नहीं है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम अंचल कार्यालयों में फॉगिंग का नियमित लेखा रखा जा रहा है, लेकिन जब जमीनी पड़ताल की गई तो वह भी फर्जी निकला। जिन इलाकों में डेंगू तेजी से फैल रहा है, वहां भी फॉगिंग नहीं की जा रही है।
दो रिपोर्टर, दो कार्यालय, झूठ आपके सामने
हर दिन 84 दल में 168 दैनिक मजदूर टेमीफाश का छिड़काव कर रहे हैं। अति जलजमाव प्रभावित घरों में 20 दल के 120 कर्मी छिड़काव कर रहे हैं। 10 हेल्थ एजुकेटर डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग करने में जुटे हैं। इन दलों के निरीक्षण के लिए भी एक दल है, जिसमें कालाजार व फाइलेरिया के विशेषज्ञ हैं। कागजोंं में इतना बड़ा अमला डेंगू बचाव में जुटा हुआ है, लेकिन ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला कि दल किन मोहल्लों में जा रहा है।
निगम अंचल कार्यालय से उमेश मिश्रा की रिपोर्ट
नगर निगम के छह अंचलों में लगभग दो सौ कर्मी फॉगिंग कार्य में लगे हैं। इनके 150 हैंड फॉगिंग मशीन और 20 ऑटो माउंटेड मशीन छिड़काव में जुटी है। एक वार्ड को पांच में सेक्टर में बाटंकर रोस्टर के हिसाब से नियमित फॉगिंग का रजिस्टर बनाया जा रहा है। रजिस्टर में जिन मोहल्लों का नाम दर्ज था, जब रिपोर्टर उन इलाकों में पहुंचा तो लोगों का कहना था कि एंटी लार्वा का छिड़काव आज तक नहीं हुआ है।
बातचीत में सच आया सामने
मलेरिया कार्यालय से एक कागज में कुछ लोगों का नाम लिखा हुआ मिला। विभाग का दावा था कि यह लोग छिड़काव से संतुष्ट हैं। जब उनसे संपर्क किया गया तो आप भी देखिए क्या जवाब मिला-
क्षेत्र में कई जगह पानी भरा है, लेकिन यहां अब तक न तो दवा का छिड़काव हुआ और न ही फॉगिंग। नाले के किनारे बसे पूरे मोहल्ले को बीमारी का खतरा है।
- अमर कुमार (इंद्रपुरी)
हर तरह से मनमानी हो रही है। बहुत पहले फॉगिंग की मशीन की आवाज सुनी थी, लेकिन मोहल्ले में फॉगिंग नहीं हुई है। दवा के छिड़काव में भी लापरवाही है।
- सुदीप कुमार (गर्दनीबाग)
डेंगू से लोग दहशत में है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। न कहीं दवाएं छिड़की जा रही हैं और न ही फॉगिंग हो रही है। शिकायत भी कहां की जाए, कोई नहीं बताता।
- राकेश कुमार (कंकड़बाग)
पटना शहर में 84 टीमें टेमीफॉस्क दवा का छिड़काव कर रही हैं। सूचना के आधार पर टीम पहुंचकर काम कर रही है। टीम की निगरानी के लिए भी विशेष दल को लगाया गया है।
— शंभू शरण सिंह, जिला मलेरिया पदाधिकारी
अंचलों में नियमित फागिंग करवायी जा रही है। इसके लिए विशिष्ट टीम भी गठित है। टेमीफाश और टेक्निकल मेलाथियान का छिड़काव हो रहा है। अब तक कहीं से शिकायत नहीं आई है। निगम के कर्मचारी दिन-रात छिड़काव में जुटे हुए हैं।
-सुशील कुमार मिश्र, पीआरओ, नगर निगम
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