वीटीआर से कैमूर अभयारण्य भेजे जाएंगे बाघ
पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या पिछले दस वर्षों में सात गुना बढ़कर 54 हो गई है। जबकि देशभर में बाघों की संख्या में केवल दो गुना वृद्धि हुई है। पर्यावरण विभाग ने इस पर...
पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में बाघों की संख्या पिछले दस वर्षों में सात गुना बढ़ी है और यह संख्या 54 पहुंच गई है। वहीं देशस्तर पर बाघों की संख्या में 10 वर्षों में सिर्फ दोगुना वृद्धि हुई है। वीटीआर में बाघों की बढ़ती संख्या पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने खुशी जाहिर की है। साथ ही कहा गया कि वीटीआर से कैमूर स्थित वन्यजीव अभयारण्य में कुछ बाघ भेजे जाएंगे। इसको लेकर कैमूर में टाइगर रिजर्व विकसित करने की सैद्धांतिक सहमति मिल गयी है। विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने सोमवार को सूचना भवन में यह जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि वीटीआर में बाघों के रखने की क्षमता 45 है। बिहार का हरियाली क्षेत्र अभी 15 प्रतिशत है, जिसे चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत बढ़ाकर 17 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। इसके लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में 4.68 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। अब तक 3.54 करोड़ पौधे लगा दिये गए हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ से बड़े पैमाने पर वृक्षों और नर्सरी की क्षति हुई है। संबंधित जिले के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि नुकसान का आकलन कर एक सप्ताह में ब्योरा भेजें, ताकि उसके आगे के लिए विभाग स्तर पर कोई निर्णय लिया जा सके। मंत्री ने यह भी कहा कि गैर वन भूमि के कारण सड़क की 25 परियोजनाओं पर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। इससे बिहार के विकास में तेजी आएगी। वहीं, सचिव ने कहा कि कैमूर और रोहतास ईको टूरिज्म हब बनेगा।
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