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नए सत्र में सीयूईटी में बड़े बदलाव के संकेत

कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेस टेस्ट (सीयूईटी) 2025 में बड़े बदलाव होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जीरो एरर परीक्षा की योजना बनाई है। 2024 में हाईब्रिड मोड में परीक्षा हुई थी, जबकि 2025 में सीबीटी मोड...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाMon, 23 Sep 2024 06:53 PM
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कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेस टेस्ट (सीयूईटी) में अगले वर्ष बदलाव के साथ होगा। इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। पिछले 2024 में इस टेस्ट को हाईब्रिड मोड में किया गया था। अब 2025 में परीक्षा के चौथे वर्ष में फिर से एक बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। खास बात यह है कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बगैर किसी गलती (जीरो एरर) के परीक्षा कराने की योजना तैयार कर रही है। नेशनल टेस्टिंग एजेन्सी (एनटीए) की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए एक हाई लेवल कमेटी भी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर बदलाव किए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार सीयूईटी यूजी की परीक्षा फिर से सीबीटी मोड में करवाई जा सकती है। एनटीए का प्रवेश परीक्षा का शेड्यूल भी जल्द जारी होने की संभावना है। सीयूईटी-यूजी की परीक्षा में हर वर्ष छात्रों की संख्या में इजाफा हो रहा है और 2025 के परीक्षा के आधार पर नामांकन देने वाली विवि की संख्या 261 से बढ़कर 300 हो सकती है। ऐसे में परीक्षा का रिजल्ट समय पर हो और रिजल्ट में कोई गलती न हो, इसको देखा जा रहा है। विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ का मानना है कि सीबीटी मोड सुरक्षित माध्यम है तो कुछ कहते हैं कि बड़ी परीक्षा पेन एंड पेपर मोड में होने चाहिए यानी हाइब्रिड मोड में परीक्षा हो। सीबीटी मोड में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनानी पड़ती है, जबकि पेन एंड पेपर मोड में सभी के लिए कॉमन प्रश्न पत्र पेपर होता है। लेकिन संभावना है कि परीक्षा को ज्यादा से ज्यादा सीबीटी मोड के दायरे में लाया जाए। परीक्षा सुधारों के लिए बनी सात सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने 2024 की प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर लिए गए फैसलों की समीक्षा की है। एक समस्या यह भी है कि एनटीए में मैनपावर की कमी है और परीक्षा की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सीयूईटी, नीट जैसी परीक्षाओं का प्रेशर एनटीए पर ज्यादा है। नीट, जेईई मेन, सीयूईटी जैसे बड़े एग्जाम में 50 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होते हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़े स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में अंतरराष्ट्रीय लेवल पर बेस्ट प्रैक्टिस की स्टडी की गई है। यूजीसी, नेशनल मेडिकल कमिशन, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (मेडिकल साइंसेस) की राय भी ली गई है।

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