बिहार को पैसा नहीं तकनीक की जरूरत: सुशील मोदी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज बिहार को पैसे की नहीं बल्कि नई तकनीक की जरूरत है। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार सक्षम है लेकिन आवश्यकता नए आविष्कारों की है। मोदी ने यह बात...
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आज बिहार को पैसे की नहीं बल्कि नई तकनीक की जरूरत है। मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार सक्षम है लेकिन आवश्यकता नए आविष्कारों की है। मोदी ने यह बात गुरुवार की शाम बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (यूएसए) एवं बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कही।
अमेरिका में जा बसे इन बिहारियों का स्वागत करते हुए मोदी ने कहा कि आज बिहार काफी हद तक बदल चुका है। इसका अहसास उन लोगों को है, जो 10-15 साल पहले यहां आए होंगे। कहा कि बिहार की सबसे बड़ी उपलब्धि घर-घर तक बिजली पहुंचाने की है। सड़कों का जाल बिछा है। कहा कि बिहार में धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। राज्य बौद्ध, जैन और सिख धर्म का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है। अकेले बोध गया के हवाई अड्डे पर ही एक माह में 40 हजार लोग विदेशों से आए हैं। कहा कि बिहार फाउंडेशन बाहर जा बसे बिहारियों को जोड़ने की मुहिम चला रहा है। इसके जरिए हम बिहारियों संग जीवंत संबंध बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि अमेरिका में बसे बिहारी और भारतीय अपने बच्चों को भी यहां की संस्कृति से जोड़े रखें। उन्होंने चेंबर के साथ व्यवसायिक संबंध जोड़ने का भी आह्वान किया।
श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह काबिलेतारीफ है कि सात समंदर पार जाकर भी आपने बिहार की संस्कृति को सहेजकर रखा है। कहा कि लगातार आवाजाही से रिश्ता और मजबूत होगा। सिन्हा ने कहा कि हम विदेश जाने वाले बिहारियों को प्रशिक्षित भी कर रहे हैं। पूर्व मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि चेंबर ऑफ कॉमर्स सबको जोड़े जाने को मंच उपलब्ध करा सकता है। चेंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने सभी अतिथियों के स्वागत के साथ ही प्रवासी बिहारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर चेंबर के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।
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