प्रकृति परीक्षण के माध्यम से 50 हजार लोग आयुर्वेद से जुड़े
बिहार में एक विशेष एप के माध्यम से 50,000 लोग आयुर्वेद से जुड़े हैं। इस एप के जरिए कफ, पित्त, और वात रोगों के आधार पर स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाता है। 1.33 करोड़ लोगों ने देशभर में परीक्षण कराया है,...
बिहार में स्वास्थ्य संबंधी प्रकृति परीक्षण के माध्यम से 50 हजार लोग आयुर्वेद से जुड़ गए हैं। ‘ देश का प्रकृति परीक्षण(एक विशेष एप) के माध्यम से स्वास्थ्य का परीक्षण के तहत कफ, पित्त एवं वात रोगों के आधार पर व्यक्ति के प्रकृति का निर्धारण होता है। मौसम में बदलाव होने या प्रत्येक दो माह पर ऐसे व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां, योगासन एवं अन्य जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएंगी। शारीरिक परेशानी या किसी बीमारी के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक के पास जाने पर एक क्लिक में मरीज के स्वास्थ्य की प्रकृति चिकित्सक के समक्ष उपलब्ध हो जाएगा और मरीज को उसके अनुरूप दवाएं दी जा सकेगी।
1.33 करोड़ लोगों ने देश में कराया परीक्षण
राज्य स्वास्थ्य समिति के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. धनंजय शर्मा के अनुसार 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक पूरे देश में अभियान चलाकर इस एप के माध्यम से एक करोड़ व्यक्तियों के स्वास्थ्य का प्रकृति परीक्षण करने का लक्ष्य निर्धारित था। मंगलवार की देर रात तक बिहार सहित देशभर में 1.33 करोड़ व्यक्ति स्वास्थ्य का प्रकृति परीक्षण करा चुके हैं।
अभियान से पांच गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस बनेंगे
राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के वरीय प्राध्यापक डॉ. प्रभात द्विवेदी ने बताया कि इस एप के द्वारा स्वास्थ्य का प्रकृति परीक्षण के माध्यम से पांच रिकार्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में दर्ज होने की उम्मीद है। एक एप पर सर्वाधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण उपलब्ध होगा। सबसे ज्यादा वीडियो, संदेश अपलोड होने सहित अन्य रिकॉर्ड बनेंगे।
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