मर्ज कोई भी जांच डेंगू की: पटना के निजी पैथोलॉजी में हर दिन 14 करोड़ की जांच
डेंगू के डर से पैथोलॉजी का कारोबार दोगुना बढ़ गया है। दहशत ऐसी है कि डेंगू की जांच एक सामान्य जांच बन गई है। सर्दी, जुकाम, बुखार तो छोड़िए पेट दर्द और शरीर दर्द में भी डॉक्टर डेंगू की जांच करने के लिए...
डेंगू के डर से पैथोलॉजी का कारोबार दोगुना बढ़ गया है। दहशत ऐसी है कि डेंगू की जांच एक सामान्य जांच बन गई है। सर्दी, जुकाम, बुखार तो छोड़िए पेट दर्द और शरीर दर्द में भी डॉक्टर डेंगू की जांच करने के लिए लिख दे रहे हैं। पटना में सिर्फ पांच सरकारी केंद्रों पर ही डेंगू की जांच हो रही है, ऐसे में निजी पैथोलॉजी कमाई में जुटी हुई हैं। हिन्दुस्तान स्मार्ट टीम ने 20 निजी पैथोलॉजी केंद्र और नर्सिंग होम की पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। डॉक्टर और पैथोलॉजी केंद्र मिलीभगत से मरीजों को लूटने में जुटे हैं। अधिकतर केंद्रों पर डेंगू की जांच रैपिड किट से की जा रही है। इस किट की कीमत महज 150 रुपए है, अगर थोक में लिया जाए तो यह और 20 रुपए कम कीमत में मिल जाती है, जबकि इस जांच के लिए 90 प्रतिशत पैथोलॉजी केंद्र 1100-1200 रुपए ले रहे हैं। शहर के कुछ बड़े अस्पतालों की हालत तो यह है कि वे हर मरीज की डेंगू की जांच करवा रहे हैं।
कुछ यूं समझें डेंगू की कमाई का गणित
- पटना में अधिकतर क्लिनिक पर देखने वाले डॉक्टर पैथोलॉजी और कलेक्शन सेंटर मरीज को खुद बताते हैं। नर्सिंग होम में तो व्यवस्था वहीं होती है।
- पटना में पिछले चार-पांच दिनों से हर पैथोलॉजी केंद्र पर रोज औसतन 30 मरीज डेंगू की जांच के लिए आ रहे हैं।
- हर पैथोलॉजी केंद्र एक डेंगू जांच के लिए औसतन एक हजार रुपए ले रहा है। इस तरह हर केंद्र रोज 30 हजार रुपए की डेंगू जांच कर रहा है।
- पटना में करीब 4800 पैथोलॉजी केंद्र हैं। अगर सभी पैथोलॉजी केंद्रों में डेंगू की जांच की कमाई को जोड़ा तो वह 14 करोड़ रुपए के पार निकल जाएगी।
सामान्य जांचें हो गईं हैं कम
पैथोलॉजी की पड़ताल में सामने आया कि डेंगू की जांच सामान्य जांच की तरह हो गई है। पैथोलॉजी संचालकों ने बताया कि सामान्य जांचें बहुत कम हो रही हैं। हर दिन 60 प्रतिशत जांचें डेंगू की हो रही हैं और 40 प्रतिशत में अन्य जांचें हैं। कोई भी पैथोलॉजी सेंटर, नर्सिंग होम और ब्लड कलेक्शन सेंटर खाली नहीं है। संचालकों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब डेंगू की जांच सामान्य जांच से काफी अधिक हो गई है।
मौसम बदल रहा है इसलिए हो रहे बीमार
जनरल फिजीशियन डॉ. राणा एसपी सिंह का कहना है मौसम बदल रहा है, इस कारण से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बच्चों से लेकर बड़ों को भी सर्दी-बुखार हो रहा है। संक्रामक होने के कारण डेंगू से अधिक मौसमी बुखार के मरीज आ रहे हैं। मौसमी बुखार में भी सिर के साथ पूरे शरीर में तेज दर्द होता है, लेकिन डेंगू के डर से डॉक्टर जोखिम लेने के बजाए मरीजों की जांच करा रहे हैं। हालांकि चिकित्सक को पहली जांच में ही पता चल जाता है कि बुखार डेंगू है या मौसमी।
डेंगू की जांच सामान्य जांच की तरह बढ़ गई है। मरीज सीबीसी भी अधिक करवा रहे हैं। पैथोलॉजी में किट से जांच का जितना पैसा लिया जा रहा है उतने में हम एलाइजा से जांच कर रहे हैं जो सटीक रिपोर्ट देती है।
- राकेश कुमार दूबे, मैनेजर ऑपरेशन सुरक्षा डायग्नोस्टिक
डेंगू की जांच और इलाज में मनमानी पर अंकुश लगाने को लेकर पटना के सभी बड़े अस्पतालों से ऐसे मरीजों के खून का नमूना मांगा जा रहा है जो डेंगू से पीड़ित है। ऐसे मरीजों की जांच पीएमसीएच में कराकर क्रॉस चेकिंग की जा रही है।
- डॉ राज किशोर चौधरी, सिविल सर्जन
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