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दो पहिया वाहनों के मामले में करोड़पति हुआ बिहार, 2024 में सबसे ज्यादा बिक्री;क्या कहते हैं विशेषज्ञ

चालू वर्ष 2025 के चार महीने में ही तीन लाख 52 हजार से अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हो चुकी है। बिहार में कुल एक करोड़ 10 लाख मोटर साइकिल, एक लाख 31 हजार मोपेड मौजूद हैं। देश में उपलब्ध कुल दोपहिया वाहनों में चार फीसदी केवल बिहार में हैं।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाSun, 4 May 2025 07:00 AM
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दो पहिया वाहनों के मामले में करोड़पति हुआ बिहार, 2024 में सबसे ज्यादा बिक्री;क्या कहते हैं विशेषज्ञ

दोपहिया वाहन के मामले में बिहार करोड़पति हो गया है। एक करोड़ 41 लाख गाड़ियों में से एक करोड़ से अधिक यानी 77 फीसदी दोपहिया वाहन बिहार में हैं। देश में कुल दोपहिया वाहनों की संख्या 27 करोड़ से अधिक हो गई है। देश में उपलब्ध कुल दोपहिया वाहनों में चार फीसदी केवल बिहार में हैं। सबसे अधिक उत्तरप्रदेश में तीन करोड़ 87 लाख दोपहिया वाहन हैं। परिवहन विभाग के अनुसार बिहार में सबसे अधिक रिकॉर्ड संख्या में 2024 में दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है।

इस वर्ष 11 लाख पांच हजार 348 दोपहिया वाहन बिके। इसके पहले 2023 में 10 लाख 13 हजार, 2022 में आठ लाख 93 हजार, 2021 में आठ लाख 16 हजार, 2020 में आठ लाख 23 हजार, 2019 में 10 लाख 40 हजार तो 2018 में 10 लाख 60 हजार दोपहिया वाहन बिके थे। चालू वर्ष 2025 के चार महीने में ही तीन लाख 52 हजार से अधिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हो चुकी है। बिहार में कुल एक करोड़ 10 लाख मोटर साइकिल, एक लाख 31 हजार मोपेड मौजूद हैं।

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देश के अन्य राज्यों की बात करें तो तीन करोड़ 87 लाख दोपहिया वाहनों के साथ उत्तरप्रदेश शीर्ष स्थान पर कायम है। अन्य राज्यों में दिल्ली में 97 लाख, गुजरात में एक करोड़ 71 लाख, झारखंड में 54 लाख, महाराष्ट्र में दो करोड़ 81 लाख, मध्यप्रदेश में एक करोड़ 78 लाख, पंजाब में एक करोड़ एक लाख, राजस्थान में एक करोड़ 54 लाख, तामिलनाडु में दो करोड़ 34 लाख और पश्चिम बंगाल में एक करोड़ 31 लाख दोपहिया वाहन है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

चंदन ऑटोमोबाइल्स (पटना) के क्षेत्रीय निदेशक, फेडरेशन ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन सह एमडी पुष्पेश सरस ने कहा कि दस सालों में बिहार के लोगों की आय में वृद्धि हुई है। बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। इस कारण यह स्टैटस सिंबल भी बन गया है। साथ ही गांव से लेकर शहर तक सड़कों का जाल बिछा है। बिहार में ट्रांसपोर्ट का सिस्टम भी उतना बेहतर नहीं है। इस कारण कुछ लोग मजबूरी में भी दोपहिया वाहनों की खरीद करते हैं।

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