बिहार में धान खरीद की रफ्तार क्यों पड़ी सुस्त, नौ दिन में सिर्फ 3526 मीट्रिक टन खरीद
Paddy Procurement: सहकारिता विभाग सभी समितियों को सक्रिय करने में लगा हुआ है। दक्षिण बिहार के 19 जिलों में धान खरीद 15 नवंबर से शुरू होगी। यहां अभी समितियों के निबंधन का काम चल रहा है। राज्य में इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
शुरू होने के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बिहार में धान खरीद अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। चयनित सभी समितियों ने अभी धान खरीद शुरू नहीं की है। इसका कारण धान में नमी, कटनी में देरी और पैक्स चुनाव है। नौ दिनों में अब तक सिर्फ 3526 मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई है। बिहार के 19 जिलों में धान खरीद एक नवंबर से शुरू है। पैक्सों और व्यापार मंडलों को क्रय बनाया गया है। इसके लिए अभी तक 4437 समितियों ने निबंधन कराया है। जिन 19 जिलों में धान खरीद शुरू है, वहां 2757 समितियों को निबंधित किया जा चुका है। यहां पर शनिवार तक सिर्फ 537 किसानों ने ही 3526 एमटी धान बेचा है। यानी सभी समितियों ने अभी धान खरीद शुरू नहीं की है। इन समितियों का तर्क है कि लक्ष्य का निर्धारण हुए बिना खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पाएगी।
सहकारिता विभाग सभी समितियों को सक्रिय करने में लगा हुआ है। दक्षिण बिहार के 19 जिलों में धान खरीद 15 नवंबर से शुरू होगी। यहां अभी समितियों के निबंधन का काम चल रहा है। राज्य में इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन रखा गया है।
धान में नमी, पैक्स चुनाव से भी देरी
विशेषज्ञों की मानें तो खरीद में देरी का प्रमुख कारण धान में नमी और लक्ष्य का निर्धारण नहीं होना है। इस वर्ष मानसून के दौरान देर से बारिश हुई। इस कारण रोपनी में देरी हुई। देर से बारिश होने के कारण अभी भी खेतों में नमी बनी हुई है। इसलिए कटनी में देरी हो रही है।
बिना कटनी के खरीद शुरू नहीं हो पाएगी। इसके अलावा दिसंबर पहले हफ्ते तक पैक्स चुनाव की प्रक्रिया चलेगी। 26 नवंबर से 3 दिसंबर तक पांच चरणों में मतदान होंगे। कई समितियों में इसके बाद ही खरीद के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।
मधुबनी-गोपालगंज में धीमी प्रक्रिया
इन नौ दिनों में सबसे कम मधुबनी और गोपालगंज के किसान पैक्सों और व्यापार मंडलों तक धान बेचने पहुंचे हैं। मधुबनी में 15 तो गोपालगंज में सिर्फ 18 एमटी धान खरीद हुई है। इसी तरह समस्तीपुर में 23 एमटी, दरभंगा में 68 एमटी और सीवान में 80 एमटी धान खरीद हुई है। नौ दिनों में सबसे ज्यादा खरीद सीतामढ़ी में 637 मीट्रिक टन हुई है। मधेपुरा में 566 एमटी, अररिया में 304 एमटी और पूर्वी चंपारण में 263 मीट्रिक टन खरीद हुई है।
तीन प्रमुख कारण
1. धान में नमी, खेतों में ज्यादा नमी के चलते कटनी में देरी
2. खरीद का लक्ष्य तय नहीं होने से समितियां सुस्त बनी हुई हैं
3. पैक्स चुनाव के चलते दिसंबर पहले हफ्ते तक रफ्तार धीमी रहेगी