सीनियर प्रोफेसरों को ही कॉलेज का प्रभार, राजभवन का सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश
बिहार में सभी विश्वविद्यालयों के अधीन वाले कॉलेज में प्रिंसिपल की जिम्मेदारी सीनियर प्रोफेसर को ही दी जाएगी। इस मामले में राजभवन ने सभी कुलपतियों को आदेश दिया है। और 15 दिन में आदेश का अनुपालन करने को कहा है। साथ ही नौ विश्वविद्यालयों में नये परीक्षा नियंत्रक भी बनाए गए हैं।
राजभवन ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया है, कि वो सुनिश्चित करें कि आपके अधीनस्थ कॉलेजों में प्राचार्य का प्रभार सीनियर प्रोफेसर को ही मिले। राजभवन ने इस बात पर नाराजगी भी जतायी है, कि कुछ कॉलेजों में जूनियर प्रोफेसरों को प्रभारी बना दिया है। राजभवन ने आदेश का अनुपालन कर पूरी रिपोर्ट कुलपतियों से 15 दिनों में मांगी है। एक महीने पहले कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति में कथित खामियों के लिए राजभवन ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति आरके सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। और कोई भी नीतिगत निर्णय लेने से रोक लगाई थी।
राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को लिखे पत्र में कहा गया है, कि यह देखा गया है कि वरिष्ठ प्रोफेसरों के स्थान पर जूनियर प्रोफेसरों को कॉलेज प्राचार्यों का प्रभार दिया गया है, जो राजभवन के निर्देशों और कानूनों के खिलाफ है। राजभवन ने निर्देश दिया है कि 15 दिनों के अंदर उसके आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कर रिपोर्ट सौंपी जाये, ताकि राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को इससे अवगत कराया जा सके।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को एक अलग पत्र में, जहां वीसी को किसी भी नीतिगत निर्णय से रोक दिया गया है और शो-कॉज के जवाब पर राज भगवान का फैसला अभी भी प्रतीक्षित है। वहीं मुंगेर विश्वविद्यालय और पूर्णिया विश्वविद्यालय, फैज भवन ने प्राचार्य की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव मांगा है। वहीं ये निर्देश नालंदा ओपन विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय और बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पर भी लागू नहीं होगा, क्योंकि उनके अधीन घटक कॉलेज नहीं हैं।
प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति में जूनियर शिक्षकों को प्रभार देकर की गई कथित अनियमितता के बाद राजभवन ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के वीसी को शो-कॉज किया था, जिसे बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया था। मानसून सत्र में विधायक ने आरोप सही पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की थी।
राजभवन ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों में नये परीक्षा नियंत्रक बनाये हैं। शुक्रवार को इनकी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया। डॉ. श्यामल किशोर पटना विवि के परीक्षा नियंत्रक बने हैं। डॉ. शंकर कुमार मिश्रा को बीएन मंडल, मधेपुरा, डॉ. कृष्ण कुमार को तिलक मांझी भागलपुर, डॉ. सुबालाल पासवान को बीआरए, मुजफ्फरपुर, डॉ. मुकेश कुमार झा को केएसडीएस, दरंभगा, डॉ. अनवारुल हक अंसारी को वीकेएस, आरा, डॉ. अशोक कुमार मिश्रा को जेपी, छपरा, डॉ. विनोद मंडल को मगध, बोधगया तथा डॉ. दशरथ प्रजापति को मजहरुल हक विश्वविद्यालय पटना का परीक्षा नियंत्रक बनाया गया है। नियुक्ति का पत्र संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपति को राजभवन ने भेज दिया है।