बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में जनहित के डेढ़ सौ सवाल अनुत्तरित, जिम्मेदार कौन?
बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में तकरीबन डेढ़ सौ सवाल अनुत्तरित रह गये। जनहित से जुड़े ये सवाल पक्ष और विपक्ष दोनों पाले के सदस्यों ने सरकार से पूछे थे।
बिहार विधानमंडल के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र में तकरीबन डेढ़ सौ सवाल अनुत्तरित रह गये। जनहित से जुड़े ये सवाल पक्ष और विपक्ष दोनों पाले के सदस्यों ने सरकार से पूछे थे। विधानसभा में कुल स्वीकृत सवालों में से 117 जबकि विधान परिषद के 31 सवाल इनमें शामिल हैं। हालांकि, इस संक्षिप्त सत्र के दौरान विपक्ष जहां मुद्दे उठाने में वहीं सरकार विधायी कार्यों को निपटाने में सफल रही। सत्र 25 नवम्बर से 29 नवम्बर तक चला।
सत्र के दौरान पांच विधेयक पारित हुए, जबकि सरकार ने द्वितीय अनुपूरक व्यय की राशि तथा इसे खर्च करने की इजाजत ली। सत्र के दौरान विधानसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण भोजनावकाश के पहले का 360 मिनट में से 105 मिनट व्यर्थ बर्बाद हुआ। इसके कारण न केवल जनहित के सवालों पर चर्चा नहीं हो सकी, बल्कि सदस्यों के बीच तल्खी भी देखने को मिली। विपक्ष ने स्मार्ट मीटर और वक्फ बोर्ड को लेकर सदन के अंदर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सरकार को घेरा भी। विधानमंडल के पांच दिवसीय सत्र में पांच विधेयकों पर मुहर लगी। यही नहीं लंबे समय के बाद प्रश्नकाल लगभग अबाधित चला। केवल एक दिन शुक्रवार प्रश्नकाल की अवधि संक्षिप्त रही। पहले सत्र में रोजाना 90 मिनट का समय निर्धारित है। सोमवार से शुरू शीतकालीन सत्र का पहला दिन तो औपचारिक कार्यों में निपट गया।
पहले दिन माहौल ठीक रहा
पहले दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण चली। विपक्षी सदस्यों के सहयोग से प्रश्नकाल भी बेहतर ढंग से संचालित हुआ। हालांकि, बुधवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 12.10 बजे ही स्थगित करनी पड़ी। इसी तरह गुरुवार को 15 मिनट और शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण 11.20 बजे स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार को भोजनावकाश के पहले सदन के अंदर बागी विधायकों के बैठकें को लेकर जमकर हंगामा हुआ। शुक्रवार को विपक्ष के वेल में हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विधानसभा अध्यक्ष ने आभार जताया
विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदन के शांतिपूर्ण संचालन के लिए मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्रियों, विधायकों का आभार व्यक्त किया। सत्र के दौरान 964 प्रश्न प्राप्त हुए, जिनमें 809 प्रश्न स्वीकृत हुए। इनमें 29 अल्पसूचित व 681 तारांकित रहे. इनमें 692 के उत्तर प्राप्त हुए। इनमें 692 के उत्तर प्राप्त हुए। इस सत्र में कुल 103 ध्यानाकर्षण सूचनाएं, 154 निवेदन और 112 याचिकाएं प्राप्त हुए जबकि 98 गैर सरकारी संकल्प की सूचना पर सदन में चर्चा हुई।