टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथरिटी से बोल रहा हूं..., पटना में बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 43 लाख ठगे
पूछताछ के नाम पर डरा कर बुजुर्ग से 43 लाख रुपये अगल-अलग खाते में स्थानांतरित करवा लिए गए। प्रदीप और अकांक्षा नाम की युवती ने पीड़ित को कहा कि उनके पहचान पत्र पर मुंबई में खाता खोला गया है।
साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लोदीपुर निवासी 62 साल के बुजुर्ग को अपना शिकार बनाया। बीते दिनों एक अंजान नंबर से उनके पास फोन आया था। फोन करने वाले ने बताया कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथरिटी (ट्राई) से बोल रहा है। फोन पर संदिग्ध बातचीत के कारण मुंबई अंधेरी ईस्ट की क्राइम ब्रांच के आदेश पर उनके सभी नंबर बंद कर दिए जाएंगे। बाद में शातिर ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर पीड़ित को कहा कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है।
पूछताछ के नाम पर डरा कर बुजुर्ग से 43 लाख रुपये अगल-अलग खाते में स्थानांतरित करवा लिए गए। प्रदीप और अकांक्षा नाम की युवती ने पीड़ित को कहा कि उनके पहचान पत्र पर मुंबई में खाता खोला गया है। उस खाते में नरेश अग्रवाल ने मनी लांड्रिंग के रुपये जमा हुए हैं। बाद में शातिरों ने पीड़ित के बैंक खाते में जमा राशि की जानकारी ले उन्हें आरबीआई के नाम का मेल भिजवाया। वहीं, अन्य मामले में साइबर ठगों ने फोन कर बुद्धा कालोनी निवासी शख्स को शेयर बाजार में निवेश करने पर भारी मुनाफा का सब्जबाग दिखाया।
पीड़ित को भरोसा दिया गया कि जिस कंपनी में रुपये लगाए जा रहे हैं वह यस बैंक की सहयोगी कंपनी है। झांसा में आकर पीड़ित ने कंपनी के खाते में 13.50 लाख रुपये भेज दिए। इसी प्रकार से दानापुर निवासी व्यक्ति से पांच लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उधर गांधी मैदान निवासी महिला के खाते से बिना उनकी जानकारी के तीन लाख रुपये की निकासी कर ली गई। शातिरों ने कुल चार लोगों को 64 लाख का चूना लगा दिया। पी़ड़ितों की शिकायत पर साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।