Hindi Newsबिहार न्यूज़Officers drink alcohol in Bihar poor are going to jail Jitan Manjhi exposes liquor ban in Bihar

बड़े अधिकारी पीते हैं दारू, जेल जा रहे मजदूर और गरीब; बिहार में शराबबंदी की जीतन मांझी ने खोली पोल

बिहार में लागू शराबबंदी पर केंद्रीय मंत्री और हम के संस्थापक जीतन मांझी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। जमुई में एक सम्मान समारोह में उन्होने कहा कि बड़े-बड़े अधिकारी शराब का सेवन करते हैं। लेकिन शराब पीने के मामले में मजदूर और गरीबों को जेल भेजा जा रहा है, जबकि शराब तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं।

sandeep हिन्दुस्तान, जमुईSun, 8 Sep 2024 09:52 PM
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राज्य में लागू शराबबंदी पर सवाल खड़े किए हैं। मांझी ने कहा कि बड़े-बड़े अधिकारी शराब का सेवन करते हैं। लेकिन शराब पीने के मामले में मजदूर और गरीबों को जेल भेजा जा रहा है, जबकि शराब तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं। मेहनत और मजदूरी करने वाले मजदूर गिरफ्तार किए जाते हैं।

हालांकि उन्होने शराबबंदी का समर्थन भी किया। लेकिन शराब तस्करी पर लगाम पूरी तरह नहीं लग पा रही है। ये बात उन्होने जमुई में शिल्पा विवाह भवन में आयोजित सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि 18 वर्षों में नीतीश कुमार ने बिहार को बदलने का काम किया है।

केंद्रीय मंत्री ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद और उनकी पत्नी रावड़ी देवी के मुख्यमंत्री काल में क्या होता था, बिहार में यह सब को पता है। किसी भी स्थिति में राजद को सत्ता का सुख अब नहीं मिलने वाला है। जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए का परचम लहराएगा। धारा 370 हटने होने के बाद जम्मू कश्मीर में अमन चैन कायम हुआ है। विरोधी 370 धारा को फिर से लागू करने की बात करते हैं। वैसी बात करने वाले लोग पाकिस्तान के समर्थक हैं।

पूर्व सीएम श्री मांझी ने कहा कि प्रदेश में जमीन सर्वे का कार्य हो रहा है। 70 प्रतिशत जमीन पर राजद के लोगों का कब्जा है। ईमानदारी से न्याय होना चाहिए। गरीबों की जमीन को मुक्त किया जाना चाहिए। आरक्षण के नाम पर पिछड़े समाज के बांटने के सांसद चिराग पासवान के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस मामले पर सभी के अपने-अपने विचार हैं। चिराग भाई हमारे बच्चे हैं। उनको पता होना चाहिए कि 22 अनुसूचित जातियों में कम से कम 18 ऐसी जातियां हैं जिनमें शिक्षा की दर 20 प्रतिशत भी कम है और सरकारी नौकरी में इन जातियों का प्रतिनिधित्व नगण्य है। इससे पूर्व कार्यक्रम में उनका स्वागत किया गया। मौके पर हम पार्टी के सिकंदरा विधायक प्रफुल्ल मांझी समेत एनडीए के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।

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