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कोचिंग-ट्यूशन का चक्कर खत्म, घर बैठे पोर्टल पर मुफ्त पढ़ाई; क्या है एनसीईआरटी का प्लान, जानें

अब पोर्टल से घर बैठे बिहार के विद्यार्थी निशुल्क पढ़ाई करेंगे। इससे उनकी कोचिंग और ट्यूशन की निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसकी पहल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने की है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 4 Oct 2024 10:09 AM
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अब पोर्टल से घर बैठे बिहार के विद्यार्थी निशुल्क पढ़ाई करेंगे। इससे उनकी कोचिंग और ट्यूशन की निर्भरता खत्म हो जाएगी। इसकी पहल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने की है। इस बाबत देशभर के 25 केंद्रीय विद्यालय और 25 अन्य स्कूलों के शिक्षकों को मुक्त शैक्षिक संसाधन (ओईआर) का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों की मदद से स्कूलों में बच्चों को सभी मुक्त शैक्षिक संसाधनों के बारे में बताया जाएगा।

मुक्त शैक्षिक संसाधन का मतलब सीखने और पढ़ाने की ऐसी सामग्री, जो किसी के भी उपयोग के लिए ऑनलाइन निशुल्क उपलब्ध हो। इनमें निष्ठा, स्वयं व दीक्षा समेत सभी पोर्टल की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण पानेवालों में बिहार के केन्द्रीय विद्यालयों के पांच शिक्षक भी शामिल हैं। इन्हें मास्टर ट्रेनर बनाया गया है। पटना रीजन के छह क्लस्टर के पांच-पांच शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। ये पांच शिक्षक अब पटना रीजन के छह क्लस्टर से पांच-पांच शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।

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बीते 30 अगस्त को पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग में हुआ। इसमें पटना रीजन के कुल छह क्लस्टर बरौनी, कटिहार, मुजफ्फरपुर, पटना, सोनपुर और गया से कुल 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उन्हें एनसीईआरटी के सभी ऑनलाइन पोर्टल के बारे में बताया गया, जिस पर बच्चे पढ़ाई कर सकते हैं।

इंटरनेट से बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे

इस मामले में केन्द्रीय विद्यालय कहलगांव की प्राचार्य डॉ. जया पांडे मिश्रा ने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से बच्चे अच्छे तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। एनसीईआरटी के ऐसे कई पोर्टल हैं, जो घर बैठे बेहतर तैयारी कराते हैं। अन्य माध्यमों से पाठ्य सामग्री ढूंढ़ने में उन्हें परेशानी नहीं होगी। शिक्षक बच्चों के स्वअध्ययन के लिए मार्गदर्शन करेंगे। विशेषज्ञ शिक्षक बच्चों की आवश्यक मदद करेंगे। उन्हें कोचिंग की जरूरत नहीं होगी। एनसीईआरटी की कोशिश है कि बच्चों की सभी जरूरतें पोर्टल पर या विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से पूरी की जाएंगी।

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