पोर्टल 'बिहार वन'; अब सभी सेवाओं के लाभ के लिए एक प्लेटफॉर्म, नीतीश कैबिनेट ने दी हरी झंडी
आम नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं व योजनाओं की पात्रता एक ही डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगी। बिहार वन पोर्टल से आम जन सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके माध्यम से आम नागरिकों को सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन करने में सुविधा होगी।
बिहार में अब सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक ही पोर्टल पर मिलेगा। इसका नाम है बिहार वन। बिहार वासियों को अब किसी योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऑफिस दर ऑफिस भटकना नहीं पड़ेगा। इससे बिचौलियागिरी भी कम होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गयी। बैठक में 31 प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की गयी।
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य के आम नागरिकों का परिवार आधारित सोशल रजिस्टर तैयार किया जाएगा। इसके तहत लाभुकों को एक नंबर मिलेगा। इसके माध्यम से ही वे सरकारी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। लोगों को एकीकृत पोर्टल से लोक सेवाओं को प्रदान करने के उद्देश्य से यूनिफाइड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म बिहार वन तैयार होगा।
सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो
आम नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सेवाओं व योजनाओं की पात्रता एक ही डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगी। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार वन पोर्टल से आम नागरिक सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके माध्यम से आम नागरिकों को सिंगल साइन ऑन एवं सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन करने में सुविधा होगी। इस पोर्टल में आम नागरिकों के प्रोफाइल एवं कॉमन डाक्यूमेंट रिपोडेटरी से संबंधित संपूर्ण जानकारी होगी। आवेदन करते समय जानकारी स्वत आगे आ जाएगी। इससे राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं एवं योजनाओं के आवेदन करने व दस्तावेजों के सत्यापन में आसानी होगी। इससे समय की भी बचत होगी।
85.23 करोड़ रुपए खर्च होंगे
इसके विकास पर 85.23 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार सोशल रजिस्टर के तहत विभिन्न विभागों की योजनाओं के अंतर्गत लाभ लेने वाले लाभार्थियों का परिवार आधारित व्यापक एवं विश्वसनीय डेटाबेस तैयार होगा। इससे व्यक्ति और पारिवारिक स्तर पर प्राप्त होने वाले सभी लाभों को आम जन तक पहुंचाने में सफलता मिलेगी। यही नहीं इससे यूनिक बेनिफिसरी प्रोफाइल तैयार कर लाभार्थियों का डाटा परिष्कृत करने और इसके फलस्वरूप योजनाओं के वितरण में फर्जी लाभार्थियों को हटाकर सार्वजनिक धन की क्षति रोकी जा सकेगी। साथ ही सरकार द्वारा सभी योजनाओं का बेहतर तरीके से समीक्षा किया जा सकेगा और सुधार के उपाय हो सकेंगे।
पटना का सदर अंचल चार भागों में बंटा
पटना सदर अंचल को चार अंचलों में बांटा गया है। इसके तहत अब पटना सदर अंचल, पाटलिपुत्र अंचल, पटना सिटी अंचल, दीदारगंज अंचल होगा। बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।