एफलिएटेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को नीतीश सरकार का फेस्टिवल गिफ्ट, 230 कड़ोर जल्द मिलेंगे
वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2014-17 से ही अनुदान नहीं मिला है। फिलहाल एक साल की अनुदान राशि भेजी जाएगी। शेष सत्रों का अनुदान आगे के चरण में भेजे जाएंगे। राज्य में वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों की संख्या करीब 225 है। करीब 230 करोड़ का प्रबंध इसके लिए किया गया है।
बिहार के वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों को शीघ्र ही बकाया अनुदान देने की तैयारी अंतिम चरण में है। शिक्षा विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। विभागीय मंत्री की सहमति मिलने के बाद इसे लोक वित्त समिति को भेजा जाएगा। नीतीश कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति के बाद संस्थानों को अनुदान जारी कर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग की इस पहल से इन कॉलेजों को शिक्षकों और कर्मियों के बीच खुशी की लहर व्याप्त है।
वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2014-17 से ही अनुदान नहीं मिला है। फिलहाल एक साल की अनुदान राशि भेजी जाएगी। शेष सत्रों का अनुदान आगे के चरण में भेजे जाएंगे। राज्य में वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों की संख्या करीब 225 है जिनमें लाखों की संख्या में छात्र छात्राएं स्नातक के विषयों की पढ़ाई करते हैं।
जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में करीब 230 करोड़ का प्रबंध इसके लिए किया गया है। राशि संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजी जाएगी। फिर विश्वविद्यालय के माध्यम से राशि संबंधित कॉलेजों को दी जाएगी। इस राशि से कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जाएगा। इस राशि का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाएगा। इससे करीब दस हजार शिक्षकों-कर्मियों को बकाया वेतन मिल सकेगा। माना जा रहा है कि सरकार ने इन शिक्षकों और कर्मियों को त्योहार का तोहफा दिया है।
नियम के अनुसार इन कॉलेजों में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर इनकी अनुदान राशि तय होती है। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि विश्वविद्यालयों की ओर से पूर्व में भेजी गयी अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं आने के कारण भुगतान लंबित रहा है। विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर उपयोगिता प्रमाणपत्र की मांग की गयी है।