अमेजन, फ्लिपकार्ट की तर्ज पर बालू की बिक्री, गिट्टी-मिट्टी भी कर सकेंगे ऑर्डर; नीतीश सरकार का क्या है प्लान
वेबसाइट पर लाल और सफेद बालू के लिए अलग-अलग रेट का निर्धारण रहेगा। मसलन सोन नदी का लाल बालू एवं गंगा की सफेद रेट का उल्लेख रहेगा। कोई भी व्यक्ति बालू की प्रकृति के आधार पर चयन करने के बाद इसका ऑर्डर दे सकते हैं। इसके लिए बालू पहुंचाने का स्थान या डिलेवरी प्वाइंट का उल्लेख करना होगा।
नीतीश सरकार जल्द ही बिहार में ऑनलाइन बालू से लेकर पत्थर समेत अन्य सभी खनिजों की बिक्री ऑनलाइन करेगी। इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद शुरू है। फिलहाल शुरुआत बालू से हो रही है। इसके बाद गिट्टी, मिट्टी समेत अन्य खनिज की भी बिक्री शुरू होगी। आने वाले दो से तीन माह में बालू की ऑनलाइन बिक्री की प्रक्रिया शुरू होगी। यह व्यवस्था अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत अन्य शॉपिंग वेबसाइट की तर्ज पर ही काम करेगी। इसके लिए सभी नियम-कायदे निर्धारित किए जा रहे हैं।
बालू के बाद गिट्टी, मिट्टी समेत अन्य प्रमुख खनिजों की बिक्री भी इसके जरिए शुरू होगी। बिहार में सबसे ज्यादा खनिज के तौर पर बालू की ही बिक्री होती है। अभी विभाग के स्तर पर तैयार किए गए खनन सॉफ्ट वेबसाइट के माध्यम से ही इन खनिजों की बिक्री शुरू करने की तैयारी है। फिलहाल इस वेबसाइट पर मिट्टी के व्यावसायिक उपयोग के लिए कटाई की अनुमति लेने की ही व्यवस्था मौजूद है।
वेबसाइट पर लाल और सफेद बालू के लिए अलग-अलग रेट का निर्धारण रहेगा। मसलन सोन नदी का लाल बालू एवं गंगा की सफेद रेट का उल्लेख रहेगा। कोई भी व्यक्ति बालू की प्रकृति के आधार पर चयन करने के बाद इसका ऑर्डर दे सकते हैं। इसके लिए बालू पहुंचाने का स्थान या डिलेवरी प्वाइंट का उल्लेख करना होगा। स्थापना का पूरा विवरण डालने पर गाड़ी का भाड़ा बता दिया जाएगा। अलग-अलग स्थानों के लिए भाड़े की दर अलग होगी।
हालांकि, भाड़े का निर्धारण सरकारी दर पर ही होगा। इसके बाद ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद बालू का ऑर्डर बुक कर दिया जाएगा। बुक करने वाले के मोबाइल पर इससे संबंधित संदेश चला जाएगा, जिसमें बालू पहुंचाने वाले वाहन की संख्या, संबंधित ड्राइवर का नंबर समेत पूरा विवरण रहेगा।
वर्तमान में खनन सॉफ्ट वेबसाइट के जरिए मिट्टी का व्यवसाय करने वालों को ऑनलाइन परमिट प्राप्त करने की व्यवस्था है। इसकी शुरुआत विभागीय मंत्री ने इसी वर्ष 18 अक्टूबर से की है। तब से अब तक वेबसाइट पर इससे संबंधित अनुमति प्राप्त करने के लिए 5 आवेदन आए हैं, जिसमें 1 को अनुमति मिली है और 4 लंबित हैं। ये आवेदन पटना, सुपौल, वैशाली, सारण एवं खगड़िया से आए हैं। कृषि भूमि से बलूई मिट्टी को हटाने एवं भंडारण करने से संबंधित ऑनलाइन आवेदन करके परमिट प्राप्त करने की व्यवस्था मौजूद है। आवेदन करने के पांच दिन के अंदर इसका परमिट जारी हो जाता है।