पटना में डेंगू के 49 नए मरीज, IGIMS के वार्ड में बढ़ाई गई बेडों की संख्या; इस साल अब तक 2500 से ज्यादा पीड़ित
Dengue: पूरे बिहार में इस साल एक जनवरी से 23 सितंबर तक डेंगू मरीजों की कुल संख्या 2512 हो गई है। इस साल अब तक सिर्फ पटना में ही 1229 डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। गया में 8, बेगूसराय में 4 मरीज मिले।
पटना में डेंगू के 49 और चिकिनगुनिया के तीन नए मरीज मंगलवार को मिले हैं। अब कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या 1229 हो गई है। मंगलवार को भी सबसे अधिक कंकड़बाग में 20, पाटलिपुत्र में 12, बांकीपुर में आठ, अजीमाबाद में दो डेंगू मरीज मिले। जबकि तीन मरीजों की पहचान नहीं हो पाई। पटना शहरी क्षेत्र के एनसीसी और पटना सिटी में एक भी नए पीड़ित मंगलवार को नहीं मिले। इसके अलावा संपतचक, मनेर, दानापुर और बिहटा में एक-एक डेंगू पीड़ित मिले। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि पिछले दो दिनों से डेंगू के मामले में कमी आई है।
पिछले साल की तुलना में इस बार प्रकोप कुछ कम है। बताया गया है कि कंकड़बाग में जगह-जगह जलजमाव होना डेंगू के प्रकोप बढ़ने का प्रमुख कारण है। वहीं पूरे बिहार में इस साल एक जनवरी से 23 सितंबर तक डेंगू मरीजों की कुल संख्या 2512 हो गई है। इस साल अब तक सिर्फ पटना में ही 1229 डेंगू से पीड़ित हो चुके हैं। गया में 8, बेगूसराय में 4 मरीज मिले। पूर्वी चंपारण में 3, औरंगाबाद में 2, कटिहार में 2 डेंगू मरीज मिले हैं।
आईजीआईएमएस में डेंगू वार्ड में बेड की संख्या बढ़ा दी गई है। अब वार्ड में बेड की कुल संख्या 40 हो गई है। इसमें तीन आईसीयू बेड रखा गया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ हुई बैठक के बाद बेड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
डेंगू के तीन स्ट्रेन अब तक मिले
आईजीआईएमएस में हुई सीरो टाइपिंग में अब तक डेंगू के तीन स्ट्रेन राज्य भर में मिले हैं इनमें से कोई भी घातक नहीं है। डॉ. मंडल ने बताया कि माइक्रोबायोलॉजी विभाग में डेंगू के 50 से ज्यादा सैंपल की अस्पताल स्तर पर सीरो टाइपिंग की गई है। इसमें अब तक तीन स्ट्रेन डीईएन वी1, डीईएन वी 2 और डीईएन वी 3 मिले हैं। अभी तक डेंगू का सामान्य प्रकोप है। सामान्य व्यक्तियों में बहुत गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिला है। लोग अस्पताल आ रहे हैं और ठीक होकर जा रहे हैं। उन्हीं लोगों में डेंगू का ज्यादा असर देखा गया है जो पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे।
'डेंगू से बचाव के लिए फॉगिंग कराएं'
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मंगलवार को राज्य में डेंगू मामले की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा में स्वास्थ्य विभाग और नगर विकास विभाग के आला अधिकारियों के साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, सिविल सर्जन और नगर निगम आयुक्त शामिल थे।मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि डेंगू के बचाव के लिए सघन फॉगिंग कराएं। जमा पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने के लिए लार्वासाइट का छिड़काव करें। डेंगू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करें। मुख्य सचिव ने हिदायत दी कि डेंगू मरीजों के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं हो। डेंगू मरीजों के लिए अस्पताल में बेड के साथ ही दवा की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। इसके पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने मुख्य सचिव को राज्य में डेंगू की स्थिति प्रजेंटेशन के माध्यम से दी।