पकरीबरावां के मेघीपुर में केदारनाथ मंदिर रूपी पंडाल में विराजेंगी मां दुर्गा
डुमरावां पंचायत के मेघीपुर गांव में मां अम्बे के पंडाल का निर्माण शुरू हो गया है। इस बार केदारनाथ मंदिर की थीम पर पंडाल बनाया जा रहा है। पूजा समिति ने तैयारी के लिए बैठकें की हैं। लगभग सात लाख रुपए...
पकरीबरावां। निज संवाददाता पकरीबरावां प्रखण्ड की डुमरावां पंचायत के मेघीपुर गांव में भव्य एवं आकर्षक पंडाल में मां अम्बे बिराजेंगी। इस बार केदारनाथ मंदिर रूपी पंडाल बनाया जा रहा है। पंडाल का निर्माण कार्य शुरू कराया जाना है। पूजा समिति की हुई बैठक में इसका निर्णय लिया जा चुका है। लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष से भी बेहतर पंडाल इस बार बनाया जा रहा है। माँ तन्नेश्वरी दुर्गापूजा समिति मेघीपुर के अध्यक्ष दिवाकर शरण उर्फ सूरज, सचिव जितेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ पिंटू एवं उपाध्यक्ष श्रीकांत सिंह ने बताया कि पूजा की तैयारी जोरों से की जा रही है। पूजा समिति के लोगों ने बताया कि पूजा की तैयारी के लिए अब तक तीन बैठकें की जा चुकी हैं, जिसमें इस बात पर जोर है कि पूजा भव्यतम आयोजित की जानी है। 2020 से शुरू हुआ है प्रतिमा बनाकर पूजा करने का सिलसिला गांव में 2020 से प्रतिमा बनाकर पूजा करने का सिलसिला शुरू हुआ है। तब से यहां भव्य पंडाल एवं आकर्षक प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है। माँ दुर्गा के अलावा लक्ष्मी, गणेश एवं अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा बनाई जाती है। पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष लगभग सात लाख रुपए खर्च का अनुमान है। लखीसराय के पुरोहित सच्चिदानंद पांडेय द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है। कलश स्थापना के दिन से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाती है। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय कर कादिरगंज स्थित सकरी नदी पहुंचते हैं। पूजास्थल के पास बैरिकेडिंग की जाती है। पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग कतारें होती है। हरेक दिन श्रद्धालुओं को मिलता है भोग का प्रसाद कलश स्थापना के दिन से ही हरेक दिन श्रद्धालुओं को भोग का प्रसाद मिलता है। हरेक दिन ग्रामीण अलग-अलग प्रसाद का भोग लगाते हैं। कभी हलवा तो कभी मिठाई। खीर, फल आदि भी भोग के प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। प्रत्येक दिन संध्या आरती में तीन से चार सौ की संख्या में महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए आती हैं। लाइटिंग की होती है अच्छी व्यवस्था पूजा स्थल के पास लाइटिंग की अच्छी व्यवस्था होती है। सड़क के दोनों ओर लगभग 200 मीटर तक लाइट की व्यवस्था की जाती है। पूजास्थल के पास बड़ी संख्या में स्वयंसेवक तैनात रहते हैं। लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाता है। पुलिस बल भी तैनात किए जाते हैं। पूजास्थल के पास खोया-पाया स्टॉल लगाया जाता है। पूजास्थल के पास लगाई जाती हैं अस्थायी दुकानें पूजास्थल के पास कई अस्थायी दुकानें लगाई जाती हैं। गोलगप्पे, चाट, मिठाई, शृंगार, जेनरल स्टोर, खिलौने आदि की दुकानें लगी रहती हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला सहित अन्य साधनों की व्यवस्था रहती है। अष्टमी से मेला लगता है। यहां बारहवीं तिथि को प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस बार अष्टमी तिथि को बाहरी कलाकारों द्वारा जागरण कार्यक्रम होगा। यहां के पंडाल एवं पूजा में सजावट की चर्चा पूरे प्रखण्ड क्षेत्र में होती है। कराया जा रहा भव्य मंदिर का निर्माण पूजास्थल के पास भव्य मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। पूजा समिति के लोगों ने बताया कि मंदिर लगभग बनकर तैयार है। अभी कुछ काम शेष रह गया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। पूजा को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह है।
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