Severe Drinking Water Crisis in Newly Constituted Ward 43 of Nawada पेयजल समस्या से जूझ रहा कुमारटोली, चौधरी टोला और दांगी मोहल्ला , Nawada Hindi News - Hindustan
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पेयजल समस्या से जूझ रहा कुमारटोली, चौधरी टोला और दांगी मोहल्ला

नवादा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 43 के मोहल्लों में पेयजल की गंभीर समस्या है। बोरिंग के बावजूद नल-जल की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई है, जिससे लगभग 100 घरों के लोग परेशान हैं। गर्मी में यह समस्या और बढ़...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाSat, 17 May 2025 11:50 AM
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पेयजल समस्या से जूझ रहा कुमारटोली, चौधरी टोला और दांगी मोहल्ला

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा नगर परिषद क्षेत्र में नए परिसीमन के बाद शामिल वार्ड 43 के कुमारटोली, चौधरी टोला व दांगी मोहल्ला के लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। बोरिंग के बाद से आजतक नल-जल की आपूर्ति चालू नहीं की जा सकी है। पेयजल की समस्या से ग्रस्त हैं लगभग एक सौ घर के लोग समाधान नहीं निकल पाने से गहरी निराशा में हैं। अनेकों शिकायतों के बावजूद इस जटिल समस्या का समाधान नहीं निकल पाने पर लोगों में रोष भी है। नए परिसीमन के बाद नगर क्षेत्र में शामिल हुए इन मोहल्लों में अब तक कुछ भी नहीं बदला है।

सिवा इसके कि पूर्व में यह ग्राम पंचायत में शामिल था और अब नोटिफिकेशन के हिसाब से यह शहरी क्षेत्र है। यहां अब तक सब कुछ गांवों जैसा ही है। नल-जल की समस्या गर्मी बढ़ने के साथ-साथ और भी विकराल होती जा रही है। लोग चाहते हैं कि शीघ्र ही इस समस्या का समाधान निकल आए अन्यथा गर्मी में और भी संकट झेलने की नौबत रहेगी। लोगों को प्यास बुझाने के लिए चापाकल ही मूल सहारा है। तीन नए चापकल अभी हाल में मिले हैं, जिससे थोड़ी राहत है। नल-जल खराब पड़ा है जबकि ग्राम पंचायत के तौर पर मिली नल-जल की सुविधा जरूर उपलब्ध है लेकिन उसके बाद शहरी क्षेत्र के लिए कोई कार्य नहीं हो सका है। ग्राम पंचायत स्तर पर भी जो काम हुआ था, वह फोरलेन बनने के समय पाइप लाइन उखड़ जाने के बाद से कारआमद साबित नहीं हो पा रहा है। पेयजल संकट की समस्या हर साल गर्मी के दिनों में लोग झेलने को बाध्य रहते हैं। वर्तमान परिस्थितियों में इस वर्ष भी कोई राहत वाली स्थिति नहीं बन रही है। यहां की मुश्किल यह है कि जो यहां उपलब्ध है, लोग उसके लाभ से भी वंचित हैं। पेयजल जैसी प्रमुख समस्या ही यहां का संकट है, ऐसी बात नहीं है। यहां नाली-गली समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं की कमी भी है, जिससे इन मोहल्लों के लोग दो-चार होने को विवश हैं। ग्राम पंचायत के समय से ही वर्तमान तक खराब सड़कों वाली पहचान रखता है जबकि तमाम शहरी सुविधाएं भी सिरे से नदारद हैं। हाल यह है कि अब भी यहां के लोग ग्रामीण परिवेश में जीने को अभिशप्त हैं। कई सड़क निर्माण की वर्तमान में सख्त जरूरत है जबकि कच्चे नाले से निजात न मिल पाने के कारण जल निकासी की समस्या अब विकराल बन कर रह गयी है। नवादा शहरी क्षेत्र में शामिल होने भर का अहसास लेकर कमियों के बीच जी रहे यहां के वाशिन्दे कुछ बड़े नालों के जर्जरहाल तक पहुंच जाने के कारण कई इलाकों में जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। नाले तो टूटे हुए हैं ही, नाले का ढक्कन भी गायब है। स्ट्रीट लाइटें तो दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं। ऐसी तमाम मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण इस वार्ड की सूरत अब भी कतई शहर सरीखा नहीं दिखता है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण इस वार्ड के लोग आज भी ग्रामीण परिवेश से बाहर आने की अकुलाहट में हैं। आमजन अपनी मांगों को लगातार उठा रहे हैं लेकिन विभिन्न कारणों से बात बन नहीं पा रही है। स्थानीय वार्ड पार्षद आदित्य कुमार कहते हैं कि उनके मद से कराए जाने वाले कार्य लगातार जारी हैं। वह वार्ड को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं लेकिन राज्य मद नगर विकास से प्राप्त होने वाली राशि के अभाव में बड़े कार्यों को कराना मुश्किल हो रहा है। आम जनों की उम्मीद पर खरे उतरने का प्रयास करने की बात स्थानीय वार्ड पार्षद करते हुए खुद सतत प्रयत्नशील रहने का दावा करते हैं लेकिन साथ ही यह भी कहते हैं कि फंड आदि का अभाव कई परेशानियों के अंत की बाधा बन रहा है। वह कहते हैं कि कई बड़े बजट वाली योजना उनके फंड से बनवा पाना संभव नहीं है। इसके लिए नगर विकास से योजना क्रियान्वयन की जरूरत है। हालांकि इसके लिए प्रयास जारी है। नगर परिषद की बोर्ड की बैठक में इस योजना को शामिल करने की पहल जल्द ही की जाएगी। समग्र विकास की बाट जोह रहे हैं लोग, शहरीकरण की आस में हैं सभी इस नए नगरीय क्षेत्र में सीधे तौर पर कोई भी कार्य झलकते नहीं हैं। इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में नाली की निकास को लेकर बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके समाधान के लिए नली का निर्माण बेहद जरूरी है लेकिन मोहल्ले की संरचना के कारण इसमें आने वाली कुछ बाधाएं परेशान कर रही हैं। हालांकि धीरे-धीरे इसका समाधान निकला जा रहा है। यहां पंचायत सरकार भवन है लेकिन उसे मुख्यमंत्री वृद्ध आश्रम बना दिया गया है। स्थानीय वार्ड पार्षद दावा करते हैं कि उनकी कोशिशें जारी हैं और आने वाले दिनों में इस वार्ड में विकास की रोशनी निर्बाध रूप से पहुंचेगी। कच्चे नाले कारण हैं जलजमाव का, नाला निर्माण अटका नवादा शहरी क्षेत्र के इस परिक्षेत्र में जलजमाव की समस्या इस कारण बने हुए हैं क्योंकि यहां अब भी जलनिकासी के लिए कच्चे नाले का सहारा लिया जा रहा है। बहुत बड़ी तो नहीं लेकिन आंशिक रूप से ही सही, इस समस्या का भी सामना करना पड़ ही रहा है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण हो रही इस परेशानी का समाधान प्राकृतिक रूप से उपलब्ध नहीं रहने से परेशानी बढ़ी हुई है। ऐसे में इसके समाधान के लिए अभी इंतजार का दौर ही जारी रहने की गुंजाइश बनती दिख रही है। इधर, वार्ड पार्षद आदित्य कुमार ने कहा कि मुख्य पथ और जल निकासी से जुड़े कुछ कार्य ऐसे हैं, जिसे राज्य मद से कराए जाने को लेकर सूचीबद्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। बोर्ड की बैठक के क्रम में इसे चिह्नित करने की पहल की गई है ताकि स्वीकृति के बाद इस दिशा में कुछ सार्थक हो सके। विकास कार्य का अभाव, वार्डवासियों में है निराशा तकनीकी कारणों से विकास कार्यों की बाधा पर वार्डवासियों में निराशा का आलम दिखता है। वार्ड में चार आंगनबाड़ी केन्द्र हैं लेकिन दो भवनहीन हैं और चारों संसाधनहीन हैं। इनके भवन निर्माण के लिए सरकारी जमीन की उपलब्धता तो है लेकिन तकनीकी बाधा आड़े आ रही है। वार्ड में अभी तक स्ट्रीट लाइट लग ही नहीं सकी है जबकि खेल मैदान व पार्क आदि की कोई योजना विचाराधीन भी नहीं है। बहरहाल, तकनीकी बाधाओं के समाधान के बाद जल्द ही कोई रास्ता निकल आने की उम्मीद जताई जा रही है। वार्ड पार्षद इसके अलावा नाली-गली आदि जैसे कुछ अन्य कार्य अटके पड़े रहने की बात स्वीकारते हैं। साथ ही वह यह भी कहते हैं कि वार्ड पार्षद मद की राशि से नाली-गली का कार्य ही संपादित करना संभव हो पा रहा है, जो जारी भी है। बड़े बजट वाले कार्य के लिए राशि की प्रतीक्षा है। स्कूल की स्थिति अच्छी नहीं, वार्डवासी निराश वार्ड में सरकारी स्कूल तो है लेकिन बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं रहने से छात्र-छात्राओं को संकट झेलने की नौबत है। एक मध्य विद्यालय और दूसरा उच्च विद्यालय हैं लेकिन व्यवस्था में बेहतरी की आस अब भी लगी हुई है। वार्डवासियों को संसाधनगत कमियां काफी खटकती हैं। वार्डवासी स्थानीय स्तर पर उच्चतर विद्यालय की जरूरत को बार-बार उठाते रहे हैं लेकिन इस दिशा में कुछ भी सार्थक नहीं हो पाना निराशाजनक है। आरंभिक शिक्षा का हाल बहुत बेहतर नहीं रहना और उच्चतर शिक्षा का कहीं कोई आधार ही नहीं बन पाना, वार्डवासियों के लिए निराशाजनक बना हुआ है। ------------------------ आमजनों की व्यथा : पेयजल की समस्या से स्थानीय लोग दो-चार होने को अब भी बाध्य हैं। गर्मी के दिनों में यह परेशानी और भी बढ़ जाती है। नल-जल की स्थिति किसी-किसी मोहल्ले को छोड़ शेष में यह बहुत कारगर नहीं है। मोहल्ले में खराब चापाकलों को ठीक कराने की जरूरत है। जलापूर्ति का पानी सुचारू रहे तो वार्ड के लोगों के लिए सबसे बेहतर रहेगा। -चंदन कुमार, स्थानीय निवासी। स्थानीय स्तर पर सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाना, इस गर्मी के मौसम में बेहद भारी पड़ रहा है। अन्य विकास कार्यों का भी अभाव है। ऐसे में वार्ड का समग्र विकास प्रतीक्षित है। इसकी गति बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। आखिर नगरीय टैक्स भरने के बावजूद कब तक यहां के लोग ग्रामीण परिवेश में रहेंगे। -जितेन्द्र पंडित, स्थानीय निवासी। शहर का वार्ड होने के बावजूद अभी तक इसका समग्र विकास नहीं हो सका है। इस मोहल्ले में वर्तमान में पेजयल, जलजमाव आदि कई समस्याएं बरकरार हैं। सड़क की समस्या भी कष्टकारी है। छोटे-मोर्ट कार्य की गति बेहतर कही जा सकती है लेकिन बड़े-बड़े और कई महत्वपूर्ण कार्यों को गति नहीं मिल पाना यहां के निवासियों के लिए निराशाजनक है। -जितेन्द्र चौधरी, स्थानीय निवासी। वार्ड पार्षद के मद से विकास कार्य कराए जा तो रहे हैं लेकिन सिर्फ इससे ही काम चलने वाला नहीं है। बड़े बजट वाले कार्य कराए जा सकेंगे तो ही इस वार्ड की सूरत सही मायनों में बदल सकेगी। कुछ खास नल-जल के सुचारू किए जाने से लेकर बड़े नाले का निर्माण बेहद जरूरी है, जिसकी प्रतीक्षा है। हम सबकी चाहत है कि हम भी शहरी सुविधा का लाभ ले सकें। -रंजन पंडित, स्थानीय निवासी। ---------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार : वार्ड के सभी मोहल्लों में विकास के लिए काम किया जा रहा है। विभिन्न मोहल्ले के लिए चयनित विकास कार्य क्रमवार ही हो सकते हैं। लोगों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। आने वाले दिनों में वार्ड के जो मोहल्ले विकास से दूर हैं, उनका विकास किया जाएगा। इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या पेयजल और सड़क की है, इसका समाधान मेरी प्राथमिकता है। इसका समाधान नगर विकास की योजना से ही संभव है। योजना बोर्ड की बैठक में शामिल कराने और स्वीकृति का इंतजार है। -आदित्य कुमार, वार्ड पार्षद, वार्ड नंबर-43, नवादा नगर परिषद।

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