Hiswa Ward 15 Faces Severe Drainage and Infrastructure Issues हिसुआ : वार्ड 15 की घनी आबादी झेल रही संकीर्ण गलियों का संकट, Nawada Hindi News - Hindustan
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हिसुआ : वार्ड 15 की घनी आबादी झेल रही संकीर्ण गलियों का संकट

हिसुआ वार्ड 15, जो शहर का मुख्य व्यवसायिक केंद्र है, बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। संकीर्ण गलियों और जर्जर सड़कों की वजह से स्थानीय लोग परेशान हैं। बारिश में जलजमाव की समस्या और खुले नाले के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाMon, 14 April 2025 02:15 PM
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हिसुआ : वार्ड 15 की घनी आबादी झेल रही संकीर्ण गलियों का संकट

हिसुआ, संवाद सूत्र। हिसुआ नगर परिषद का यह वार्ड भी पुराने हिसुआ नगर पंचायत का हिस्सा रहा है। पूर्व में हिसुआ का यह इलाका वार्ड 05 कहलाता था, जिसे अब नगर परिषद के नए परिसिमन के तहत वार्ड 15 का स्वरूप दिया गया है। यह वार्ड हिसुआ बाजार का बिलकुल मध्य भाग कहलाता है। यह वार्ड शहर का सबसे बड़ा मुख्य व्यवसायिक केंद्र है। बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों के अलावा शहर के बड़े- बड़े साहूकारों का आसरा भी है। बड़े व्यवसायिक स्थल होने के कारण यहां लोगों की गतिविधियां लगातार सुबह से लेकर देर रात्रि तक होती है। लेकिन बिडंबना यह है कि शहर के सबसे बड़े व्यवसायिक स्थल और घनी आबादी का प्रभाव यहां की गलियों और नालियों पर पड़ा है, जो आज अपनी दुर्दशा पर आठ-आठ आंसू बहाने को मजबूर है। यहां निर्माण के नाम पर संकीर्ण गलियों में महीनों पूर्व खोलकर रखे जाने तथा नाले और इस वार्ड में ब्रह्मापिशाच के समीप जलजमाव की समस्या के साथ ही नाले पर बनाए गए सड़क के जगह- जगह टूटकर घटनाओं को लगातार आमंत्रित करने से भारी संकट है। इसपर ध्यान देना खासकर जरूरी है, लेकिन लापरवाही भारी पड़ रही है। स्टेशन रोड के बड़ी शिवाला से लेकर नाला तक नाले के ऊपर बनाई गई सड़क की भी हालत काफी जर्जर है, जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है। इसके साथ ही तैलिक टोला से बढ़ई बिगहा की ओर आने वाली संकीर्ण गलियों में महीनों पूर्व से ही नव निर्माण के नाम पर नाले का ढक्क्न खोल कर लापरवाही बरतना भी दुर्घटना का खतरा उत्पन्न करती है। कुल मिलाकर प्रत्येक चीजों से परिपूर्ण होने के बावजूद भी यह वार्ड बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, जिसका मलाल आज भी इस वार्ड के निवासियों को है। वार्ड की आबादी के बारे में कहा जाय तो यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय की अच्छी खासी आबादी है। मजदूरी और व्यवसाय यहां के लोगों का मुख्य पेशा है। इसके साथ ही यहां के बच्चे अपने प्रतिभा के बल पर देश और विदेश में अपनी कामयाबी का परचम लहराने में भी कामयाब हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में है वार्ड की अच्छी स्थिति शिक्षा के क्षेत्र में भी इस वार्ड की अहम भूमिका रही है। यहां सरकारी विद्यालय नहीं होने के बावजूद भी यहां बड़े-बड़े कोचिंग संस्थान और निजी विद्यालय भी हैं। जहां शहर के अधिकांश बच्चे शिक्षा ग्रहण करने नित्य दिन आते हैं। वार्ड की आबादी 05 हजार के करीब है, जबकि यहां 18 सौ के करीब मतदाता हैं। वार्ड का सीमांकन पूरब में बीच बाजार नाला रोड से लेकर पश्चिम में स्टेशन रोड तक है, जबकि उत्तर दिशा में गया नवादा मेन रोड से लेकर दक्षिण में दिलीप दशरथ मुखिया महिला कॉलेज के गली से लेकर ब्रह्मापिशाच स्थित मछली मंडी की गली तक है। साफ-सफाई के लिहाज से भी देखा जाय तो यहां आधे वार्ड में सफाई की जाती है जबकि आधे में नहीं। जलजमाव की है गंभीर समस्या, समाधान नहीं हिसुआ बाजार के बीचोबीच स्थित होने के बावजूद यह वार्ड में भी शहर के अन्य नई बसावटों की ही तरह गंभीर समस्या झेल रहा है। खासकर तब जब हल्की सी बारिश में भी यहां की संकीर्ण गलियां जब जलमग्न हो जाती है। उस वक्त यहां के लोगों को पानी के बीच होकर आने-जाने की विवशता होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर के बीचो-बीच और बड़े व्यवसायिक स्थल होने के बावजूद हमलोगों को नारकीय स्थिति में जीना नगर परिषद हिसुआ और यहां के जनप्रतिनिधि के कार्य शैली से प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। मिट्टी कला है यहां की पहचान, बढ़ा रहा हिसुआ का सम्मान वैसे तो हिसुआ शहर अपनी मिट्टी की कला के लिए पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेश तक जानी जाती है। इस वार्ड के बीचोबीच स्थित बढ़ई बिगहा में दर्जनों कुम्हार समाज के लोग निवास करते हैं, जिनका मुख्य पेशा मिट्टी कला है। इसमें उल्टा सुराही का निर्माण सबसे खास है, जिसे देश और दुनिया में काफी ख्याति भी मिली है। उसके साथ ही अन्य प्रकार के मिट्टी के बर्तनों सहित मूर्ति निर्माण इनका और इनके परिवार का मुख्य पेशा है। एक तरह से कहा जाय तो मिट्टी कला यहां की पहचान रही है। लोग पर्व-त्योहारों एवं विभिन्न आयोजनों में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों, मिट्टी के दीया, कलश, घड़ा, सुराही सहित अन्य बर्तनों के साथ ही त्योहारों के वक्त विभिन्न देवी-देवताओं के मूर्तियां खरीदने आते हैं। यही इनकी आजीविका का साधन है। नाला रोड की स्थिति है जर्जर, परेशानी का अंत नहीं इस वार्ड से होकर बहने वाला नाला जो शहर के अतिप्राचीन गुहिया पोखर का कभी भाग रहा था, उससे शहर के घरों के नाले के पानी का निकास होकर खनखनापुर होते हुए रानी पोखर में गिरता था। उसके ऊपर ढलाई करके लोगों के आवागमन के लिए पटना के नाला रोड की तर्ज पर बनाई गई सड़क की स्थिति वर्तमान समय में काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है, जिसपर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हमेशा दुर्घटनाओं को आमंत्रित करती है, जिस पर नगर परिषद को ध्यान देना नितांत आवश्यक है अन्यथा लोगों की सुविधा के लिए नाले के ऊपर बनाए गए यह सड़क कभी भी एक बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है। नाला चौक पर खुले नाले से स्थिति नारकीय हिसुआ बीच बाजार का अतिमहत्वपूर्ण नाला चौक पर दिन-रात लोगों की काफी भीड़ लगती है, जो शाम ढलते ही और अधिक बढ़ जाता है। लोग शाम के वक्त यहां अपने दोस्तों संग भूंजा और पकौड़े का आनंद लेने आते हैं। इसके साथ ही यहां कई कोचिंग और लाइब्रेरी होने के कारण फास्ट फूड की भी दर्जनों दुकानें स्थित हैं। लेकिन विडंबना यह है कि यहां नाला का खुला होना लोगों के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग नाले से निकलने वाले दुर्गंध एवं उसमें पनपने वाले मच्छरों के बीच जीने को विवश हैं। इसके साथ हीं भीड़भाड़ वाले इस जगह पर नाला का खुला होना कभी भी बड़े दुर्घटना का कारण बन सकता है। नव निर्माण के नाम पर महीनों पूर्व खुले नाले से लोग परेशान वार्ड में नाली और गली के नवनिर्माण को लेकर तैलिक टोला की ओर से बढ़ई बिगहा की ओर आने वाली संकीर्ण गली में नाली और गली के नवनिर्माण को लेकर महीनों पूर्व नाले का ढक्क्न खोल देने से काफी परेशानी स्थानीय लोगों को उठानी पड़ रही है। लापरवाही का आलम यह है कि संकीर्ण गली का कुछ भी कल्याण नहीं हो पा रहा है। यह काफी चालू रास्ता है, जिससे होकर लोग दिन-रात आते और जाते हैं। इस रास्ते होकर गुजरने में कई बार गिरकर लोग अपना हाथ-पांव टूटने का खतरा हर समय बना रहता है। खासकर रात के अंधेरे में खतरा और अधिक बढ़ जाता है। अपना दर्द बयां करते हुए स्थानीय लोग बताते हैं कि जब इसे बनाना ही नहीं था तो खोला क्यों गया। या फिर जब खोला गया तो महीनों बीतने के बावजूद भी कार्य क्यों नहीं आरम्भ कराया गया है। आम लोगों की व्यथा: वार्ड में विकास कार्य कहीं नहीं दिखाई देता है। नाली-गली सहित अन्य समस्याएं पूर्व की तरह ही बरकरार है। वार्ड का विकास करने में नगर परिषद प्रशासन और स्थानीय वार्ड पार्षद को काफी तन्मयता से कार्य करना चाहिए। -डॉ रमेश कुमार, वार्डवासी। नाला के समीप खुले बड़े नाले से लगातार खतरा बना रहता है। जिस जगह पर कई बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान और बड़े- बड़े कोचिंग संस्थान हैं। वैसी जगह पर नाले का खुला होना कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकता है। -रौशन विश्वकर्मा, वार्ड वासी। वार्ड की स्थिति काफी नारकीय है। बाजार का मुख्य भाग होने के बावजूद भी शाम ढलते ही गलियों में अंधेरा छा जाता है। खुले नाले और टूटी-फुटी गलियां लगातार बड़े दुर्घटनाओं को आमंत्रित करती है, इसे दूर करने का प्रयास होना चाहिए। -नरेश पंडित, वार्डवासी। वार्ड में कई शिक्षण संस्थान होने के कारण हजारों छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। इसलिए नाला चौक पर महिला शौचालय और प्याऊ का निर्माण होना चाहिए। इसके साथ ही वार्ड के नाली और गली सहित नाला रोड की स्थिति में सुधार की पहल करनी चाहिए। -पाल पेंटर, वार्डवासी। क्या कहते हैं जिम्मेदार: वार्ड का विकास नगर परिषद में जारी गतिरोध के कारण गति नहीं पा रहा है। इस स्थिति से सारे नगरवासी वाकिफ हैं। यह स्थिति सही नहीं थी लेकिन अब सारी गतिरोध दूर कर लिया गया है। उम्मीद है कि अब विकास की रफ्तार बढ़ेगी। अब तक जो भी कार्य हुआ है, वह सिर्फ पार्षद मद से ही हुआ है। जबकि राज्य मद से भी अब कार्य आरम्भ होने की उम्मीद जगी है। नाला रोड के निर्माण सहित ब्रह्मापिशाच मोहल्ले के समीप जल जमाव और नाली गली की गंभीर समस्या को समय रहते दुरुस्त कर लिया जायेगा। -अनुपमा कुमारी, वार्ड पार्षद, वार्ड 15, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।

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