तिलैया नदी छठ घाट पर पसरा है अंत्येष्टि अवशेष, सफाई की शुरुआत नहीं
तिलैया नदी छठ घाट पर पसरा है अंत्येष्टि अवशेष, सफाई की शुरुआत नहींतिलैया नदी छठ घाट पर पसरा है अंत्येष्टि अवशेष, सफाई की शुरुआत नहींतिलैया नदी छठ घाट पर पसरा है अंत्येष्टि अवशेष, सफाई की शुरुआत...
हिसुआ, संवाद सूत्र। हिसुआ नगर परिषद क्षेत्र के अति महत्वपूर्ण छठ घाट में शुमार रहे तिलैया नदी छठ घाट की वर्तमान स्थिति काफी दयनीय और खराब बनी पड़ी है। जबकि इस अतिमहत्वपूर्ण छठ घाट पर व्रतियों की काफी भीड़ उमड़ती है। लेकिन वर्तमान तक हाल यह है कि नगर प्रशासन और जिला प्रशासन की ओर से यहां स्थाई छठ घाट का निर्माण नहीं कराया जा सका है। यहां के अस्थायी छठ घाट पर गंदगी की सफाई को लेकर भी अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है। तिलैया नदी छठ घाट पर अंत्येष्टि कार्य के अवशेष बिखरे पड़े हैं। गंदगी का अम्बार लगा पड़ा है। इस बीच, अर्घ्य प्रदान करने के लायक घाट बनाने की अभी तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है। प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए खर्च के बावजूद भी व्रतियों की परेशानी रह ही जाती है। तिलैया नदी छठ घाट पर अभी तक गंदगी का अम्बार फैला है। नगर प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हर वर्ष लाखों रुपए खर्च पर व्रतियों की बनी रहती है परेशानी यहां चारों ओर जले हुए शव के राख और हड्डी सहित भारी गंदगी फैली हुई है। स्थिति इतनी भयावह है कि देखकर लोग यह भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि इस जगह पर पवित्र त्योहारों में से एक छठ पूजा का अर्घ्य भगवान भास्कर को छठ वर्तियों द्वारा दिया जाता है। वर्तमान में यहां पहुंचने पर नाक पर रूमाल रखने की नौबत रहती है। इस घाट पर सामान्यत: छठ व्रतियों के अर्घ्य देने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नगर परिषद की ओर से की जाती है। हर वर्ष लाखों रुपए खर्च भी होते हैं लेकिन तात्कालिक व कामचलाऊ व्यवस्था से अधिक कुछ नहीं हो पाता। ऐसे में व्रतियों की परेशानी बनी ही रहती है। कुछ भी स्थायी नहीं होना सभी को परेशान करता रहता है। वैकल्पिक व्यवस्था के भरोसे चलाया जा रहा है काम इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि पूर्व के नगर पंचायत और वर्तमान समय में अपग्रेड होकर बने नगर परिषद द्वारा जितनी राशि खर्च कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है, उतने से कम लागत में ही यहां व्रतियों के स्न्नान करने और अर्घ्य देने के लिए स्थायी कुंड या तालाब का निर्माण हो सकता था लेकिन इस पर आज तक न तो किसी स्थानीय जन प्रतिनिधि या फिर नगर प्रशासन या जिला प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई कर पा रही है। इस कारण छठ घाट पर मौजूद लोगों में आक्रोश भी है। लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि छठ पूजा के वैकल्पिक व्यवस्था में लाखों रुपये का वारा-न्यारा किए जाने की मंशा के कारण यहां पर आज तक स्थायी छठ घाट का निर्माण नहीं कराया जा सका है। तीन प्रखंडों के लोगों की जुटती है भीड़ हिसुआ के तिलैया नदी छठ घाट इकलौता ऐसा छठ घाट है, जहां हिसुआ, नरहट और मेसकौर प्रखंड से काफी संख्यां में छठ व्रती अर्घ्य देने आते हैं। यही कारण है कि इस जगह पर छठ महापर्व में काफी भीड़ उमड़ती है। 10 हजार से अधिक व्रती तिलैया नदी छठ घाट पर अर्घ्य प्रदान करने पहुंचते हैं। नरहट प्रखंड के बड़ी पाली, छोटी पाली, देवरा, दौलतपुरा, मेसकौर प्रखंड के सिरसा, रेपुरा, बैजनाथपुर सहित हिसुआ नगर और आसपास के लोगों की काफी संख्यां में यहां जुटान होती है। इतनी बड़ी भीड़ को मामूली और वैकल्पिक व्यवस्था के बीच ही अर्घ्य प्रदान करने की बाध्यता रहती है। यहां चेंजिग रूम और शौचालय की भी वैकल्पिक व्यवस्था ही रहती है, जिससे व्रतियों और घाट पर जुटे उनके परिजनों को भारी फजीहत उठानी पड़ती है। इस बीच, स्थानीय वार्ड 10 की पार्षद ज्योति देवी नें कहा कि स्थायी छठ घाट का निर्माण मेरी प्राथमिकता में है। नगर परिषद की बैठक में स्थायी छठ घाट, शौचालय और चेंजिग रूम निर्माण की मांग उठाती रही हूं। कुछ बेहतर होने की उम्मीद है।
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