गया में औद्योगिक पार्क बनने से उद्योग के नक्शे पर चमकेगा बिहार, मोदी सरकार का बड़ा तोहफा
औद्यागिक पार्क बनने से उद्योग के नक्शे पर बिहार का नाम चमकेगा। विरासत भी, विकास भी की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा। अमृतसर-कोलकाता कोरिडोर का हिस्सा होने के चलते डोभी में औद्योगिक केंद्र बनने से राज्य में उद्योग के विकास को गति मिलेगी। कई बड़ी कंपनियों की ओर से निवेश की संभावना है।
बिहार के गया में राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक पार्क का रास्ता साफ हो गया है। इसे जिले के डोभी में बनाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल ने इसके निर्माण को हरी झंडी दिखाते हुए राशि की मंजूरी दी है। यह अमृतसर-कोलकाता कोरिडोर का हिस्सा होगा। इसके बनने के बाद गया पूर्वी भारत के औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। यह इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर(आईएमसी) के रूप में विकसित होगा।
औद्यागिक पार्क बनने से उद्योग के नक्शे पर बिहार का नाम चमकेगा। विरासत भी, विकास भी की तर्ज पर इसे विकसित किया जाएगा। अमृतसर-कोलकाता कोरिडोर का हिस्सा होने के चलते डोभी में औद्योगिक केंद्र बनने से राज्य में उद्योग के विकास को गति मिलेगी। कई बड़ी कंपनियों की ओर से निवेश की संभावना है। करीब 6000 करोड़ रुपये निवेश की उम्मीद है। डोभी औद्योगिक पार्क 1670 एकड़ में फैला होगा। आईएमसी को विकसित करने में 1344 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। करीब एक लाख नौकरियां सृजित होंगी।
बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ऑफ नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट ( एनाईसीडीआईटी) ने आठ जुलाई को गया में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दी थी। इसके बाद केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा की गई। अब देश के बारह औद्योगिक पार्क के साथ इसके निर्माण की मंजूरी दी गई है। केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतनराम मांझी और राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है।
इन क्षेत्रों में होगा निवेश
आईएमसी गया में निवेश के लिए कई क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें कृषि/खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्रत्त्, ऑटो कंपोनेंट्स, स्टील-आधारित उत्पाद, मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, निर्माण उद्योग, फर्नीचर, हस्तशल्पि, और हथकरघा शामिल है। यहां प्लग एंड प्ले योजना के तहत भी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
मेन पॉइंट्स
● अमृतसर कोलकाता एक्सप्रेस वे से कहीं भी माल पहुंचाना आसान।
● दिल्ली कोलकाता मुख्य रेललाइन का नजदीक होना।
● निर्यात के लिए हल्दिया बंदरगाह तक माल पहुंचाना आसान।
● अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा नजदीक होने से कंपनियों की रुचि।
● गया और बोधगया पर्यटन का बड़ा केंद्र है।
● पूर्वी, उत्तरी और उत्तर-पूर्व भारत तक आसान पहुंच।
● नेपाल, बांग्लादेश, भूटान के बाजार तक पहुंच होगी आसान।
● रेल, सड़क, हवाई नेटवर्क के अलावा हल्दिया बंदरगाह से जुड़ा होने के चलते माल भेजना आसान होगा
जीटी रोड पर स्थित होने के कारण यहां की कनेक्टिविटी अच्छी है। झारखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली सड़क पर यह स्थित है। बगल से एक्सप्रेस वे गुजर रही है। पटना गया डोभी राजमार्ग पर होने के कारण यहां राज्य की राजधानी से पहुंचना भी आसान है। रेल नेटवर्क से जुड़ा होने के अलावा अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी नजदीक है। हल्दिया बंदरगाह से भी जुड़ा है। पूर्वी, उत्तरी और उत्तर-पूर्व भारत के विशाल बाजारों के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश व भूटान तक माल ले जाना आसान होगा।