सात घंटे की खींचातान के बाद बूढ़ी गंडक नदी किनारे लगा बिजली का पोल
मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बिजली के खंभे को लगाने को लेकर दो विभागों के बीच लगभग सात घंटे तक विवाद चला। अंत में जनहित को ध्यान में रखते हुए अस्थायी सहमति दी गई। बिजली विभाग ने खंभा लगाकर...
मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। सिकंदरपुर स्थित बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बिजली का एक लोहा खंभा लगाने को लेकर दो विभागों में करीब सात घंटे तक खींचतान होती रही। अंत में जनहित को देखते हुए खंभा लगाने पर आपत्ति कर रहे विभाग ने अस्थायी तौर पर उसे लगाने की अनुमति दे दी है। इसके बाद गुरुवार दोपहर दो बजे बिजली विभाग ने खंभा लगाकर आपूर्ति चालू की।
अहियापुर के शेखपुर ढाब को सिकंदपुर से 11 केवीए लाइन से आपूर्ति दी गयी है। बिजली विभाग ने बूढ़ी गंडक नदी के उपर से हाइटेंशन तार को सिर्फ दो सीमेंटेड खंभे से पार कराया है। इससे तार नदी की धार में काफी झुक गया है। सिकंदपुर छोर का सीमेंटेड पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। वह नदी की धार की ओर झुक गया है।
पांच दिनों से बंद थी शेखपुर ढाब की बिजली आपूर्ति :
बूढ़ी गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद 11केवीए का लाइन बीते पांच दिनों से बंद था। हाइटेंशन तार का नदी की धार में झुके होने और उसे और ऊंचा करने के लिए बिजली विभाग क्षतिग्रस्त सीमेंटेंड पोल को बदलने के लिए गुरुवार की सुबह सिकंदपुर पहुंचा था। यहां पहले स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया। आपत्ति जताया कि अहियापुर के शेखुपर ढाब में सिकंदपुर के बजाए अहियापुर इलाके से ही बिजली सप्लाई दी जाए।
जनहित में अस्थायी सहमति दी गयी है : अधीक्षण अभियंता
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रभाकर कुमार ने बताया कि बिजली विभाग नियम के खिलाफ पोल लगा रहा था। नियमानुसार बांध से 20 मीटर की दूरी पर ही बिजली का पोल लगाया जा सकता है। फिलहाल जनहित को लेकर उन्होंने इसपर अस्थायी सहमति दी है। दोपहर दो बजे के बाद पोल लगाकर बिजली आपूर्ति चालू की गयी है।
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