Muzaffarpur Ward 38 Faces Severe Infrastructure Issues Poor Drainage Broken Roads and Stray Dogs शहरी इलाका पर गांव से भी बुरा हाल बिना स्लैब के टूटे नाले, सड़क बदहाल, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsMuzaffarpur NewsMuzaffarpur Ward 38 Faces Severe Infrastructure Issues Poor Drainage Broken Roads and Stray Dogs

शहरी इलाका पर गांव से भी बुरा हाल बिना स्लैब के टूटे नाले, सड़क बदहाल

मुजफ्फरपुर के वार्ड 38 में जर्जर सड़कें, टूटे नाले और जलजमाव की समस्या है। स्थानीय निवासी बरसात के समय गंदे पानी के कारण परेशान हैं। सफाई कर्मियों की लापरवाही और आवारा कुत्तों के आतंक से लोग त्रस्त...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 25 May 2025 06:31 PM
share Share
Follow Us on
शहरी इलाका पर गांव से भी बुरा हाल बिना स्लैब के टूटे नाले, सड़क बदहाल

मुजफ्फरपुर। शहर के पूर्वी भाग में स्थित वार्ड 38 में जर्जर सड़क, टूटे नाले और लटकते बिजली के तार के साथ-साथ जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है। पुरानी गुदरी रोड, महराजी पोखर गली, रामबाग और चकबासु सहित एक दर्जन मोहल्ले की करीब 20 हजार आबादी को हर साल बरसात में फजीहत झेलनी पड़ती है। जलनिकासी नहीं होने से मुख्य सड़क और गलियों से लेकर घरों तक में नाले का गंदा पानी प्रवेश कर जाता है। हिन्दुस्तान से अपनी पीड़ा साझा करते हुए लोगों ने कहा कि सिर्फ आश्वासन नहीं जलनिकासी के इंतजाम होने चाहिए। शहर के प्रमुख इलाके में शुमार नगर निगम के वार्ड 38 में समस्याओं की लंबी सूची है।

दर्जन भर मोहल्ले वाले इस वार्ड को देखकर नहीं लगता कि यह शहर के पुराने इलाके हैं। वार्ड की गलियों में टूटे नाले, जर्जर सड़कें, नालों पर स्लैब नहीं, सड़कों पर पसरी गंदगी और उनपर मंडराते आवारा पशु ही वार्ड की पहचान बन गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई कर्मी कूड़ा सड़क किनारे छोड़ देते हैं। अगर उन्हें सही तरीके से सफाई करने को कहा जाए तो उनका व्यवहार काफी रूखा होता है। वे पलटकर इस तरह से जवाब देते हैं कि उसके बाद कुछ कहने से विवाद होने की आशंका होती है। डर से लोग चुप्पी साध लेते हैं। महराजी पोखर के मो. अनीश कुरैशी ने कहा कि अधिकांश नाले टूटे है। उसपर स्लैब भी नहीं है। नाले का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। नाला सफाई के बाद उससे निकलने वाले कचरे को सड़क किनारे छोड़ दिया जाता है। धीरे-धीरे वह फिर से नाला में चला जाता है। इससे नाला जाम हो जाता है। बगलामुखी मंदिर के निकट हार्डवेयर की दुकान चाले वाले सुमित कुमार शर्मा ने कहा कि दुकान के आगे नाले पर स्लैब नहीं है। नालियों का स्लैब टूटा होने के कारण दुकानों के आगे की गंदा पानी जमा हो जाता है। इससे दुर्गंध निकलती रहती है। इससे ग्राहक आने से परहेज करते हैं और व्यवसाय प्रभावित होता है। इसमें नाले का गंदा पानी भी शामिल रहता है। इससे दुर्गंध निकलता रहता है। नालियों का स्लैब टूटा होने के कारण दुकानों के आगे की गंदा पानी जमा हो जाता है। इससे व्यवसाय प्रभावित होता है। वार्ड की सकरी गलियों का तो और भी बुरा हाल है। वहां तो गंदे नाले के पानी के बीच ही मजबूरी में लोग रह रहे हैं। 

जगह-जगह झूल रहे बिजली के तार : 

वार्ड में बिजली व्यवस्था खस्ताहाल है। वर्षों पुराने पोल और तार के कारण तेज हवा चलने पर हादसे का खतरा बना रहता है। पिछले दिनों आई आंधी में कई जगह तार टूटकर गिर गए थे। इससे हादसा होते-होते बचा। वहीं कई घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। स्थानीय बबलू कुमार ने कहा कि कई जगह बिजली के तार काफी ढीले होने के कारण नीचे आ गए हैं। थोड़ी तेज हवा बहते ही ये तार झूलने लगते है और अक्सर ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ जाता है। इससे घंटों बिजली गुल रहती है। काफी मशक्कत के बाद बिजली विभाग के कर्मी इसे ठीक करने के लिए आते हैं। बिजली विभाग हर साल मेंटेनेंस का दावा करता है, लेकिन होता कुछ नहीं। यह समस्या सालों से बरकरार है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिजली विभाग को इस संबंध में कई बार शिकायत की गई, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। स्थानीय फौजदार हुसैन ने बताया कि वार्ड में मुख्य सड़क के फ्लैंक में बिछाई गई ईंटें बेतरतीब हो गई है। जगह-जगह ये ईंटे उखड़ गईं हैं। इससे इस पर चलने में परेशानी होती है। जर्जर सड़कों का नया निर्माण कर इसके फ्लैंक की ईंटों को दुरुस्त करने की जरूरत है। साथ ही नियमित साफ-सफाई हो। पक्की नालियां बनाई जाए और उसे स्लैब से ढकी जाए। नलजल योजना से नलों की मरम्मत हो। 

आवारा कुत्तों के डर से रात में निकलना मुश्किल : 

स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां आवारा कुत्ता का काफी आतंक है। लगभग हर मोहल्ले में झुंड में कुत्ते रहते हैं। रात में कुत्तों के डर से निकलना मुश्किल होता है। बाइक सवारों को भी कुत्ते दूर तक खदेड़ देते हैं। पैदल चलने वाले किसी तरह गिरते-पड़ते बचते हैं। दिन में भी इन कुत्तों का आतंक कम नहीं रहता है। मो.जाहिद एकबाल ने बताया कि पिछले दिनों उनकी पत्नी घर से बाहर निकली तो कुत्तों ने हमला कर दिया। आसपास के लोग दौड़े तो पत्नी की जान बची। मो. अलाउद्दीन ने बताया कि रात में बारात से लौट रहे उनके मोहल्ले के युवकों पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। किसी तरह सभी ने अपनी जान बचाई। वार्ड के लोगों ने बताया कि कई मोहल्लों में घरों के सामने की कूड़ा इकट्ठा करने की जगह बना दी गई है। निगम कर्मी भी बेमन से कूड़े का उठाव करते हैं। इस कारण सड़क पर कूड़ा-कचरा फैला रहता है। इससे उठने वाली दुर्गंध के कारण आसपास के घरों में रहने वालों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बार तो दम घुटने लगता है। शहनाज खातून ने बताया कि नाले की सफाई के बाद उससे निकली गंदगी भी सड़क पर छोड़ दी जाती है। कई-कई दिन यूं ही गंदगी पड़ी रहने के बाद फिर से नाले में चली जाती है और नाला जाम हो जाता है। नलजल योजना के तहत लगाए गए अधिकांश नल खराब पड़े है।

बोले जिम्मेदार : 

शहर की गलियों में भटकने वाले आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने को लेकर नगर निगम लगातार प्रयासरत है। इन कुत्तों के बंध्याकरण कराने की योजना है। इसको लेकर नगर निगम की पहली बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया था। एजेंसी चयन के लिए निविदा निकाली गई है। जल्द ही इस योजना पर काम शुरू होगा। जलजमाव से मुक्ति के लिए नालों की उड़ाही कराई गई है। अन्य समस्याओं के समाधान की योजना पर काम चल रहा है। 

- निर्मला साहू, महापौर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।