कमरा मोहल्ला से निकला ऊंटों पर अमारी के साथ जुलुस
मुजफ्फरपुर में वक्फ स्टेट के इमामबाड़ा से ताजिया और अमारी का जुलूस निकला। इस जुलूस में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र किया गया। जुलूस गोला रोड कब्रिस्तान पहुंचा, जहां मातम और आखिरी सलाम पेश किया...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता नवाब ताकि खान वकफ स्टेट के इमामबाड़ा से चुप ताजिया और अमारी का जुलूस निकाला गया। जिसमें हजरत इमाम हसन अस्करी का ताबूत, हजरत अब्बास का आलम, हजरत अली असगर का झूला और काला ताजिया बरामद किया गया। ऊंट पर अमारी का जुलुस निकाला गया। कमरा मोहल्ला इमामबाड़ा मैदान से निकलकर जुलुस गोला रोड कब्रिस्तान पहुंचा। जहां नौहा मातम किया और आखरी सलाम पेश किया गया। आज से शिया मुसलमानों के घर से काला झंडा उतर जाएगा। मुहर्रम के चांद के समय काला झंडा लगाने की परंपरा है। साथ ही इसी दिन से शिया मुसलमान काला लिबास धारण करते हैं।
जुलुस से पहले इमामबाड़ा में मजलिस को मौलाना सैयद निहाल हैदर ने खिताब किया। उन्होंने नबी के नवासे हजरत इमाम हुसैन के शहादत का जिक्र किया। बताया कि शहादत के बाद यजीद ने सभी को कैद कर लिया था और उन पर जुल्मों सितम किया। आज ही के दिन लूटा हुआ काफिला मदीना पहुंचा था। बीवी जैनब ने अपने नाना के कब्र पर कर्बला में हुए जुल्म को रो-रो कर बयान किया था।
जुलूस में अमारी के साथ सियाह ताजिया, हजरत अब्बास का अलम, शबीहे ताबूत और हजरत अली असगर के झूला की भी जियारत कराई कई। इमामबाड़ा के बाहर सैयद मोहम्मद बाकर ने जुलूस को खिताब किया, वहीं मैदान में मशहूर खतीब तनवीर रजा विक्टर ने तकरीर किया। प्रोफेसर टूटू साहब के मोड़ पर मौलाना मो. कासिम कुम्मी ने शहादत इमामे हुसैन और उनके अहले हरम की मदीना वापसी का वर्णन पेश किया। जहाजी कोठी के सामने बंगला पर मौलाना वेकार अहमद रिजवी ने जुलूस का मकसद बयान किया। बनारस बैंक चौक पर ने हिंदुस्तान में आजादरी के इतिहास पर प्रकाश डाला गया। गोला रोड स्थित छोटी करबला (कब्रिस्तान) में जुलूस पहुंचा जहां पर अलविदा के साथ नौहा मातम किया गया। इधर, दाउदपुर कोठी लश्करी पीर स्थित करबला में अलविदाई मजलिस आयोजित की गई। जिसे मौलाना तसव्वुर मेहदी ने खिताब किया।
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