उस्ताद मजिद खान को पुण्यतिथि पर शिष्यों ने किया याद
मुजफ्फरपुर में शुक्रवार को प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद मजिद खान की 8वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कलाकारों ने उनके गीत गाकर श्रद्धांजलि दी। उस्ताद मजिद खान का 16 मई 2017 को 105 वर्ष...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। भूल से आ गया मैं तेरे गांव में, दवा कीजिएगा दुआ कीजिएगा, रहना नहीं देश बेगाना है, ये संसार कागज की पुड़िया आग लगे जल जाना है.. जैसे गानों-गजलों को गाकर कलाकारों ने प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद मजिद खान को श्रद्धाजंलि दी। संगीत आंगन सभागार में बिहार आइडियल परिवार की ओर से शुक्रवार को सिनेमा जगत के प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद मजिद खान की 8वीं पुण्यतिथि पर संगीतमय श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। अमिय रंजन ने कहा कि 16 मई 2017 को 105 वर्ष की उम्र में गुरुजी का इंतकाल मुजफ्फरपुर में हुआ था। मेरठ में जन्मे, किराना घराना से ताल्लुक रखने वाले उस्ताद, संगीत को अपनी विरासत देते रहे।
गुरुजी के शिष्य व कलाकार पंकज धीर, बिपिन, गीताश्री, सीमा अग्रवाल, सपना, मो. कलीमुद्दीन, राकेश पटेल, अमरेंद्र वर्मा, कामिनी सिंह, प्रसिद्ध तबलावदक परमानंद सिंह, संगीतकार संजय कुमार संजू, लोकगायक सुनील कुमार इत्यादि ने गुरुजी के गीतों को अपनी आवाज में गाकर संगीतमय श्रद्धांजलि दी। मोतिहारी से आए उस्ताद मजिद खान के अंत समय के करीबी शिष्य कलीमुद्दीन ने कालीबाड़ी रोड स्थित मालीघाट कब्रिस्तान पर जाकर उनकी कब्र पर चादरपोशी की एवं फातेहा व दुआएं की। उस्ताद मजिद खान ने संगीत जगत के मशहूर फनकार मो. रफी, गुलाम अली, आमिर खान, भीमसेन जोशी, खय्याम आदि के साथ काम भी किया।
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