गांधीजी ने मानव सभ्यता के विकास के लिए अलग दृष्टि दी : डॉ. राय
मुजफ्फरपुर में एलएस कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग में 'गांधी का सभ्यता विमर्श' पर व्याख्यान हुआ। प्रो. ओमप्रकाश राय ने कहा कि गांधी जी ने मानवता, करुणा और नैतिकता पर आधारित सभ्यता की बात की थी। प्रो....
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। एलएस कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग में बुधवार को अखिल भारतीय दर्शन परिषद की ओर से प्रायोजित ‘गांधी का सभ्यता विमर्श विषय पर व्याख्यान हुआ। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश राय ने कहा कि गांधी जी ने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण विचारों को साझा किया, जिनमें से एक था सभ्यता विमर्श। उन्होंने मानव सभ्यता के विकास और प्रगति के लिए एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, जो आज भी प्रासंगिक है।
कहा कि गांधी जी के अनुसार, सभ्यता का अर्थ केवल आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण से नहीं है, बल्कि यह मानवता, करुणा और नैतिकता के साथ जीने की कला है। असली सभ्यता वह है जो प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाती है, न कि उसका शोषण करती है। मुख्य वक्ता पीजी दर्शनशास्त्र विभाग के प्रो. सरोज कुमार वर्मा ने कहा कि गांधी जी के अनुसार सभ्यता का विकास तब होता है जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को महत्व देते हैं। विषय प्रवेश कराते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. विजया कुमार ने कहा कि गांधी जी का सभ्यता विमर्श आज भी प्रासंगिक है। धन्यवाद हिंदी विभाग के डॉ. शिवेंद्र मौर्य ने किया। मौके पर प्रो. राजीव झा, प्रो. एसआर चतुर्वेदी, प्रो. एनएन मिश्रा, डॉ. पायोली, डॉ. ममता वर्मा, डॉ. संतोष अनल, डॉ. नवीन कुमार, डॉ. इम्तियाज आदि थे।
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