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विश्वविद्यालय बनाएंगे नेक इंसान, रोकेंगे मौतें

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित अन्य उच्चतर शिक्षण संस्थान सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नेक इंसान बनाने का अभियान चलाएंगे। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को गुड सेमेरिटन कानून के प्रति जागरूकता...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 15 Sep 2024 05:42 PM
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मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित देशभर के उच्चतर शिक्षण संस्थान अब देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नेक इंसान बनाने का अभियान चलाएंगे। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन परिसर में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों को तो जागरूक करेंगे ही, परिसर में पढ़नेवाले विद्यार्थियों को भी नेक इंसान बनने के लिए प्रेरित करेंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिए निर्देश में कहा गया है कि सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अपने-अपने विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मियों के अलावा अपने पोषक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गुड सेमेरिटन कानून को लेकर जागरूकता फैलाने का प्रयास करें। यूजीसी के सचिव आचार्य मनीष आर. जोशी ने लिखे पत्र में सभी कुलपतियों और महाविद्यालयों के प्राचार्यों को कहा है कि अभी भी सड़क दुर्घटना में घायल को बचाने के लिए लोग सामने नहीं आते हैं। इसका बड़ा कारण कानून को लेकर उनमें जानकारी का अभाव होना है। इसलिए सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए 2016 में नियमों में बदलाव किया। इसे गुड सेमेरिटन (नेक इंसान) कानून का नाम दिया गया। लेकिन, इन कानूनों का बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं होने से आम आदमी को इसकी जानकारी नहीं है। अत: इस काननू से जुड़े प्रावधानों की जानकारी आम आदमी तक पहुंचाना जरूरी है, ताकि घायलों को समय पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराकर होनेवाली मौतों को कम किया जा सके।

जोशी के पत्र के अनुसार इन बदलावों के बाद घायलों को मदद करनेवालों को पुलिस की पूछताछ से छुटकारा तो दिलाया ही गया है, उनको नगद पुरस्कार भी दिया जाता है। लेकिन, जानकारी के अभाव में अभी भी लोग घायलों की मदद करने से डरते हैं। जोशी ने अपने पत्र में हाल के शोध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में होनेवाली 50 प्रतिशत मौतें को टाला जा सकता है। इसके लिए बस घायलों को गोल्डन ऑवर में चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराने की जरूरत है।

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