संकट: नये पोर्टल ने लटकाया हजारों कर्मियों का वेतन-पेंशन
मुजफ्फरपुर में सीएफएमएस 2.0 पोर्टल के कारण हजारों सरकारी कर्मियों का वेतन और पेंशन अटक गया है। चार जनवरी से लागू इस नए पोर्टल में तकनीकी समस्याओं के चलते स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कई विभागों की राशि पास...
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मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता कोषागार के नये पोर्टल सीएफएमएस 2.0 के कारण जिले के हजारों सरकारी कर्मियों का वेतन और पेंशन अटक गया है। विभिन्न विभागों के हजारों कर्मचारियों को अब वेतन और पेंशन के लिए भटकना पड़ रहा है।
बीते चार जनवरी को सीएफएमएस का नया वर्जन सीएफएमएस 2.0 लागू किया गया था, तब से यह समस्या आई है। बीच-बीच में कुछ विशेष परिस्थिति में पोर्टल काम करता है, लेकिन अधिकांशत: ठप होने के कारण कर्मियों को वेतन-पेंशन नहीं मिल रहा है। चार जनवरी से ट्रेजरी का नया लॉन्च हुआ पोर्टल काम नहीं कर रहा है। पोर्टल के काम नहीं करने से स्वास्थ्य, शिक्षा सहित कई विभागों की राशि पास नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला तो एसकेएमसीएच के डॉक्टरों का भी वेतन अटक गया है।
बताते हैं कि पोर्टल के सही तरीके से काम नहीं करने से पूरे बिहार में 13.5 हजार करोड़ रुपये अटके हुए हैं। इनमें विश्वविद्यालयों के 100 करोड़ से अधिक रुपये फंसे हैं। बीआरएबीयू के पेंशनरों की 25 करोड़ की राशि पोर्टल के सही तरीके से काम नहीं करने के कारण उनके खाते में नहीं जा रही है। पेंशन शाखा के अनुसार नये पोर्टल में पेंशनरों के कोड भी बदल दिए गए हैं। पेंशनरों के अलावा एरियर और अतिथि शिक्षकों के वेतन के पैसे भी पोर्टल पर ही अटके हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि कई कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। जनवरी में वेतन मिलने की संभावना थी तो पोर्टल ही काम नहीं कर रहा है। बीआरएबीयू के पेंशनरों ने कहा कि पेंशन नहीं मिलने से उनके सारे काम अटक रहे हैं। दवा और इलाज के लिए भी परेशानी हो रही है। बीआरएबीयू के अलावा ललित नारायण मिथिला विवि में भी पेंशनर परेशान हैं। पोर्टल के काम नहीं करने से विभागों ने अपना बिल कोषागार में भेजना बंद कर दिया है। विभागों का कहना है कि जब पोर्टल काम नहीं कर रहा है तो हमारा बिल कैसे पास होगा।
बयान:
सीएफएमसी 2.0 के कार्यान्वयन से कुछ तकनीकी समस्या आई है। इसकी जानकारी मुख्यालय को दी गई है। मुख्यालय की मदद से जल्द ही इसका निदान निकाल लिया जाएगा।
- विनोद कुमार तिवारी, वरीय कोषागार पदाधिकारी।
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