बीआरएबीयू में अमेरिकी सॉफ्टवेयर से जांची जायेगी थीसिस
मुजफ्फरपुर के बीआरएबीयू में शोध छात्रों की थीसिस की जांच के लिए अमेरिकी सॉफ्टवेयर टरनिटिन खरीदा जाएगा। 12 लाख रुपये की लागत से यह सॉफ्टवेयर एक दिन में तीन रिसर्च पेपर चेक कर सकेगा। इसके अलावा,...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बीआरएबीयू में अमेरिकी सॉफ्टवेयर टरनिटिन से शोध छात्रों की थीसिस जांची जायेगी। इसकी खरीद के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इससे एक दिन में तीन रिसर्च पेपर चेक किया जा सकता है। इसकी कीमत 12 लाख रुपये है। बीआरएबीयू रूसा से मिलने वाले 10 करोड़ 47 लाख की राशि के लिए प्रस्ताव भेजा है। इस दस करोड़ की राशि से बीआरएबीयू में कई काम कराये जायेंगे। बीआरएबीयू के विकास अधिकारी डॉ. जेपी त्रिपाठी ने बताया कि राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान के तहत यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और रूसा के सहयोग से विकास के लिए राशि दी जायेगी।
इस राशि के मिलने से विवि में कई नई चीजें शुरू की जायेंगी। इस सॉफ्टवेयर के आने से विभाग के सभी प्रोफेसर खुद से ही छात्रों की थीसिस का प्लेगरिज्म जांच कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें लागिन आईडी और पासवर्ड दिया जायेगा। तीन विभागों में सवा करोड़ से आयेंगे प्रैक्टिकल के सामान रूसा से मिलनेवाली इस राशि से जूलॉजी, फिजिक्स और कमेस्ट्री विभाग में सवा करोड़ से प्रैक्टिकल के सामान आयेंगे। इन सामानों के आने के बाद विभाग में प्रैक्टिकल के लिए सामानों की जरूरत कम होगी। सामानों की खरीद का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। राशि मिलने के बाद इन सामानों की खरीद की जायेगी। बीआरएबीयू में बनेगी डिजिटल लाइब्रेरी विकास अधिकारी ने बताया कि बीआरएबीयू में एक नई डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जायेगी। अभी बीआरएबीयू में ई लाइब्रेरी चल रही है। डिजिटल लाइब्रेरी होने से यहां जो भी किताबें हैं वह डिजिटल रूप में बदल जायेंगी। इससे छात्रों को किताब पढ़ने और खोजने में आसानी होगी। बीआरएबीयू में पहलीबार डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। डिजिटल लाइब्रेरी में डेढ़ करोड़ रुपये खर्च होंगे। रिसर्च लैब के लिए बनेगा नया भवन बीआरएबीयू में हिन्दी विभाग के पास एक भवन बनाया जायेगा। इस भवन में अतिरिक्त वर्ग कक्ष बनाये जायेंगे। यह 5200 स्क्वायर फुट में होगा। इसमें सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह तीन मंजिला भवन होगा। इसमें निचले फ्लोर पर पार्किंग और दूसरे फ्लोर पर कक्षाएं तीसरे पर लैंगवेज लैब और सेंट्रल रिसर्च लैब बनाया जायेगा। पहले सेंट्रल रिसर्च लैब फिजिक्स विभाग में बनाया जाना था। मानवीकी और सोशल साइंस संकाय में कुछ कक्षाएं जर्जर हैं, इसलिए इस भवन में कक्षा बनाये जायेंगे।
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