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खुशखबरीः मुजफ्फरपुर में मेट्रो के दो कॉरीडोर 21.2 किलोमीटर लंबाई; कहां से कहां तक दौड़ेगी ट्रेन?

मेट्रो रूट के लिहाज से सड़कों की कम चौड़ाई के मसले पर भी मंथन हुआ। इस दौरान नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने अगली बैठक में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। इसमें संबंधित इलाके में भूमि अधिग्रहण, उसमें होने खर्च व अन्य तकनीकी व भौगोलिक पहलुओं के आधार पर विकल्पों के संबंध में जानकारी होगी।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 28 Sep 2024 09:36 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में मेट्रो के दो कॉरीडोर बनेंगे। इसकी कुल लंबाई 21.2 किलोमीटर होगी। एक रूट एसकेएमसीएच से मुजफ्फरपुर जंक्शन तक होगा। इसकी लंबाई 7.2 किमी होगी। इसके अलावा हरपुर बखरी से रामदयालुनगर तक दूसरे मेट्रो रूट की कुल लंबाई 14 किमी होगी। इससे शहर से सटे बड़े इलाके की ग्रामीण आबादी को भी फायदा होगा। एक महीने तक हुए सर्वे की समीक्षा के बाद रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉरीडोर को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। हालांकि कॉरीडोर से जुड़े स्टेशनों के नाम अभी तय नहीं हुए हैं। इसको लेकर राइट्स की टीम खाका बनाने में लगी है।

राजधानी पटना में नगर विकास विभाग के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में राइट्स के अधिकारियों की ओर से पेश रिपोर्ट की समीक्षा की गई। इसमें मेट्रो रूट के लिहाज से सड़कों की कम चौड़ाई के मसले पर भी मंथन हुआ। इस दौरान नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने अगली बैठक में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। इसमें संबंधित इलाके में भूमि अधिग्रहण, उसमें होने खर्च व अन्य तकनीकी व भौगोलिक पहलुओं के आधार पर विकल्पों के संबंध में जानकारी होगी।

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अंडरग्राउंड रूट में तीन गुना अधिक खर्च

कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होने पर ही मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट की संभावना पर काम हो सकता है। बैठक के बाद अधिकारियों ने बताया कि अंडरग्राउंड रूट आखिरी विकल्प होता है। इसमें सामान्य मेट्रो रूट की अपेक्षा तीन गुना अधिक खर्च होता है। फिलहाल मुजफ्फरपुर शहर में मेट्रो के रूट या स्टेशन को लेकर पहले हर विकल्पों से जुड़ी संभावनाओं को परखा जाएगा। इस संबंध में राइट्स की टीम तकनीकी, भौगोलिक व अन्य पहलु देखेगी।

जनप्रतिनिधियों से फीडबैक लेगी टीम

बैठक में राइट्स की टीम को शहर के जनप्रतिनिधियों संग बैठक कर मेट्रो के संबंध में फीडबैक लेने को कहा है। साथ ही अगली बैठक में इसकी रिपोर्ट भी रखी जाएगी। तर्क है कि लंबे समय से शहर में रहने के कारण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इलाके के चप्पे-चप्पे की जानकारी होती है। ऐसे में उनके फीडबैक से योजना की रुपरेखा तैयार करने में सुविधा होगी। पूर्व में हुए सर्वे में व्यवसायी, अधिकारी, नौकरीपेशा व अन्य लोगों से फीडबैक लिया गया था।

समन्वय समिति करेगी मॉनिटरिंग

नगर विकास विभाग की ओर से गठित समन्वय समिति राइट्स के कार्यों की मॉनिटरिंग करेगी। समिति में नगर आवास व विकास विभाग के संयुक्त निदेशक शशिभूषण प्रसाद व पटना मेट्रो के जीएम(कार्य) विकास रंजन शामिल हैं। विभाग के मुताबिक राज्य के चार शहरों में राइट्स ने मेट्रो परिचालन की संभाव्यता व अन्य तकनीकी पहलु कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान व अल्टरनेटिव एनालाइसिस रिपोर्ट समय पर तैयार करने के लिए समिति का गठन किया है।

कहते हैं अधिकारी

अभी राइट्स ने प्रारंभिक रिपोर्ट दी है। एलाइनमेंट फाइनल नहीं हुआ है। दो कॉरीडोर की बात है। स्टेशन आदि तय होने में अभी समय लगेगा। आगे कई बैठकें होंगी। उसके बाद ही मेट्रो परिचालन की योजना को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। - शशिभूषण प्रसाद, संयुक्त निदेशक, नगर विकास विभाग

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