एक साल में मिले डायबिटीज के 12167 व हाईपरटेंशन के 8660 मरीज
स्ट्रेस हाइपरटेंशन व डायबिटिज का मुख्य कारण - डायबिटीज व हाईपरटेंशन से हो सकती है हार्ट अटैक, लकवा, ब्रेन हेम्ब्रेज, किडनी फेल्योर जैसी घातक बीमारी म
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मुंगेर, निज संवाददाता । वर्तमान युग के बदले हुए लाइफ स्टाइल में जीवन यापन करने वाले लोग कम उम्र में ही डायबिटीज व हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं। जिले के विभिन्न एनसीडी क्लीनिक में 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की जांच आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल 24 से 31 जनवरी 25 तक जिले में डायबिटीज के 12167 मरीज तथा हाईपरटेंशन के 8660 मरीज जांच में मिल चुके हैं। सदर अस्पताल स्थित एनसीडी क्लीनिक में जनवरी 25 में तीस वर्ष से अधिक उम्र के 1263 पुरूष व 668 महिलाओं की जांच की गई। जांच के दौरान डायबिटीज से 159 पुरूष व 40 महिलाएं जबकि हाईपरटेंशन से 135 पुरूष और 147 महिलाएं ग्रसित पाए गए। इस संबंध में एनसीडी के नोडल पदाधिकारी बताते हैं कि पन्द्रह बीस वर्ष पहले 40 या 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो में ही डायबिटीज या हाइपरटेंशन की शिकायत मिलती थी। परंतु बदले जीवन शैली के कारण अब 25 से 30 वर्ष के लोग भी डायबिटीज व हाइपरटेंशन से ग्रसित हो रहे हैं। डायबिटीज व हाइपरटेंशन से ग्रसित लोग हार्ट फेल्योर, लकवा, ब्रेन हेम्ब्रेज, किडनी फेल्योर जैसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं। जीवन शैली में बदलाव व खान पान में परहेज कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।
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डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मुख्य कारण
डायबिटीज के शिकार हुए 10 प्रतिशत लोग जेनेटिक कारणों से डायबिटीज के शिकार पाए जाते हैं। खाने पीने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक लेने के कारण शरीर में इन्सूलीन की कमी होती है और लोग डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा स्ट्रेस, तनाव, बदला हुआ लाइफ स्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने, फास्ट फूड और खाने में नमक का ज्यादा इस्तेमाल हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है। अधिकांश युवा बेरोजगारी के कारण तनाव में रहते हैं, जिस कारण हाइपरटेंशन का शिकार हो जाते हैं। तनाव के कारण शरीर में काटिजोल और एडनिलीन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है, जिस कारण बीपी बढ़ता है और लोग हाइपरटेंशन के शिकार हो जाते हैं।
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कैसे किया जा सकता है बचाव
हाईपरटेंशन और डायबिटीज से बचाव के लिए लोगों को नियमित कम से कम एक घंटा व्यायाम करना चाहिए। मार्निंग वाकिंग, साइकिलिंग करते हुए अधिक से अधिक पैदल चलना चाहिए। फास्ट फूड का सेवन करने से बचते हुए खाने में नमक की मात्रा नहीं के बराबर लेना चाहिए। तनाव को समाप्त कर हमेशा खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। पेट में चर्बी की मात्रा अधिक रहना भी हाइपरटेंशन का शिकार बनाता है, खासकर 90 सेंटीमीटर से अधिक कमर वाले लोग को हाइपरटेंशन से बचाव के लिए नियमित व्यायाम कर पेट की चर्बी को कम करने का प्रयास करना चाहिए। खान पान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम से कम लेना चाहिए। ऐसा कर गंभीर बीमारी का कारण बनने वाले हाइपरटेंशन व डायबिटीज से बचा जा सकता है।
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बोले विशेषज्ञ
बदले हुए लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस व खान पान में कार्बोहाइड्रेट व नमक की मात्रा का अत्यधिक सेवन के कारण लोग 30 से कम उम्र में ही हाईपरटेंशन व डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। लाइफ स्टाइल में बदलाव कर फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाकर इससे बचा जा सकता है। -
डा.कुमार रंजन, नोडल पदाधिकारी एनसीडी, मुंगेर।
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