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मुंगेर विवि एवं आउटसोर्सिंग कंपनी के बीच फंस कर रह गया है आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन

है इन्हें धमकी अपनी समस्या को रखने से अब कतराने लगे हैं ये इन्हें कंपनी द्वारा देय वेतन तक की नहीं है जानकारी आखिर कब मिलेगा इन्हें बकाया सभी वेतन

Newswrap हिन्दुस्तान, मुंगेरWed, 23 Oct 2024 02:13 AM
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मुंगेर, एक संवाददाता। मुंगेर विवि में विभिन्न पदों पर कार्यरत एलाइट फाल्कन प्रा. लि. कंपनी के 70 आउटसोर्सिंग कर्मी सितंबर- 2022 में अपनी नियुक्ति के बाद से ही अब तक वेतन को लेकर लगातार परेशान हैं। उन्हें अब तक एक बार भी पूरा वेतन नहीं मिला है। स्थिति यह है कि, इन्हें कंपनी द्वारा देय वेतन तक की जानकारी नहीं है। ऐसे में अपने वेतन की मांग को लेकर विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग कर्मी बीते 24 महीनों में कई बार विश्वविद्यालय में आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन, इन्हें अब तक हर तरफ से केवल आश्वासन ही मिला है, पूरा वेतन नहीं। अब तो वेतन की मांग करने पर इन्हें कार्य मुक्त करने की धमकी मिलती है। ऐसे में अब ये अपनी समस्या तक को रखने में कतराने लगे हैं। उनकी परेशानियों से ना तो विश्वविद्यालय को कुछ लेना देना है और ना ही उनके नियोक्ता कंपनी को। ऐसे में इन आउटसोर्सिंग कर्मियों को कब उनका पूरा बकाया वेतन मिलेगा यह कोई नहीं जानता है। ऐसी स्थिति में मजबूर होकर आउटसोर्सिंग कर्मीयों को अपनी बकाया वेतन की मांग को लेकर लेबर कोर्ट में जाना पड़ा जहां अब तक दो बार सुनवाई हो चुकी है।

वहीं, विश्वविद्यालय सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा आउटसोर्सिंग कंपनी को बकाया वेतन की राशि नहीं दी गई है। अब तक विश्वविद्यालय ने कंपनी को अगर 7 महीने का ही बकाया वेतन दिया है। यह राशि पूर्व में ही कंपनी द्वारा एडवांस एवं वेतन के रूप में आउटसोर्सिंग कर्मियों को दी जा चुकी है। अब जब तक विश्वविद्यालय बकाया राशि कंपनी को नहीं देती है तब तक कंपनी अपने कर्मियों को बकाया वेतन देने में सक्षम नहीं है।

कानूनी पेंच में फंसा वेतन:

मुंगेर विश्वविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन अब तक केवल विश्वविद्यालय एवं आउटसोर्सिंग कंपनी के बीच ही फंसा हुआ था। अब यह कानूनी पेंच में भी फंस चुका है। ज्ञात हो कि, पिछले 24

माह से लगातार बिना वेतन के काम कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मी हर तरफ से निराश होकर न्याय के लिए अंततः लेबर कोर्ट चले गए। वहीं, आउटसोर्सिंग कंपनी अपनी बकाया राशि के लिए उच्च न्यायालय में चली गई। कंपनी ने विश्वविद्यालय पर बकाया राशि नहीं देने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में विश्वविद्यालय से आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन का बकाया राशि दिलाने की मांग की है। ऐसे में, लेबर कोर्ट एवं उच्च न्यायालय में आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन से संबंधित मामलों में कब तक फैसला आएगा कहा नहीं जा सकता है। यदि विश्वविद्यालय न्यायालय के निर्देश आने का इंतजार करती है आउटसोर्सिंग कंपनी अपने कर्मियों को वेतन नहीं देती है तो यह कर्मियों के साथ अन्याय ही नहीं होगा, बल्कि अमानवीय भी होगा।

कहते हैं विवि अधिकारी:

विश्वविद्यालय ने आउटसोर्सिंग कंपनी को 7 महीने का आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन भुगतान कर दिया है। कंपनी द्वारा बकाया वेतन का बिल भी विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दिया गया है। किंतु, उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा विश्वविद्यालय को आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन के लिए राशि नहीं दी गई है। इस संबंध में विश्वविद्यालय ने विभाग से आउटसोर्सिंग कंपनी को भुगतान के लिए राशि की मांग की है। लेकिन, अभी तक केवल आश्वासन ही मिला है। विभाग द्वारा विश्वविद्यालय को राशि का भुगतान होते ही कंपनी को बकाया भुगतान कर दिया जाएगा।

-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर

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