बरसात के पहले जमालपुर बाजार की अतिक्रमित नालियों की सफाई नप प्रशासन के लिए चुनौती बनी बरसात के पहले जमालपुर बाजार की अतिक्रमित नालियों की सफाई नप प्रशासन के लिए चुनौती बनी
जमालपुर नगर परिषद को बरसात से पहले शहरी बाजार की नालियों की सफाई के लिए एक्शन लेना होगा। अवैध दुकानदारों के कब्जे के कारण सफाई में चुनौती है। पिछले साल भी नालियों की सफाई का आदेश दिया गया था, लेकिन...

जमालपुर। निज प्रतिनिधि नगर परिषद जमालपुर प्रशासन को इसबार भी बरसात के पहले जमालपुर शहरी बाजार की नालियों की समुचित साफ सफाई करने में बड़ा एक्शन लेना होगा। जमालपुर की हृदय स्थली बराट चौक, स्टेशन रोड, सोनारपट्टी रोड, सदर बाजार सहित सब्जीमंडी निकट बाबु बाजार की नालियों व सड़कों पर अवैध फुटपाथी दुकानदारों व स्थायी दुकानदारों का कब्जा है। नप सफाईकर्मियों को नालियों की साफ सफाई करने के लिए बेशक, इन दुकानों को हटाना एक बड़ी चुनौती होगी। दरअसल, बीते वर्ष भी नगर एवं आवास विभाग, पटना द्वारा शहरी बड़े नाले व नालियों की सफाई करने का आदेश 15 जून के पहले तक दिया था, इसबार भी पत्राचार कर आदेश का शतप्रतिशत अनुपालन कराने का विभाग ने जोर दिया है। हालांकि नप प्रशासन शहरी क्षेत्र के बड़े नालों की साफ सफाई शुरू कर दी है। लेकिन छोटी नालियों की सफाई की शुरुआत मई माह से किया जाएगा। इसबीच बाजार की नालियों की सफाई के पूर्व प्रशासन को पूर्व की तरह प्रचार-प्रसार सहित नोटिस का तामिला कराना होगा। तभी फुटपाथी दुकानदारों के हटने के बाद सफाई शुरू की जा सकेगी।
इन जगहों पर है फुटपाथी दुकानदारों व स्थाई दुकानदारों का कब्जा, जुर्माना भी बेअसर
नप कर प्रभारी प्रवीण कुमार की टीम ने बीते वर्ष बराट चौक, धर्मशाला रोड, मारवाड़ी पट्टी, स्टेशन रोड, सदर बाजार, सदर बाजार फांड़ी की सड़कों व नालियों पर अवैध रूप से करीब पांच दर्जन मकान स्वामियों व दुकानदारों ने स्थाई रूप से अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध नोटिस चिपकाया था। तथा सभी अतिक्रमणकारियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन नोटिस के बाद भी इन लोगों पर नप प्रशासन की सख्ती काम नहीं आयी। और कुछ दिनों के बाद फिर से दुकानें सजा ली है। अवैध फुटपाथी दुकानें व स्थाई दुकानें आज भी नालियों व सड़कों पर काबिज है।
नब्बी नाला पर वाहन पार्किंग तो मुरली और चमड़ा नाला की जमीन की कर दी गयी है बिक्री
नप पार्षद साईं शंकर ने बताया कि शहर में छोटी एवं सकरी नालियां दो या तीन फीट चौड़ी है। इसे वार्डवासियों ने अपनी सुविधा के लिए जगह जगह अतिक्रमण कर रखा है। यही सब नालियां बड़े 9 नालों से मिलती है। बड़े नालें करीब 6-8 फीट लेकर कुछ जगहों पर 20 से 25 फीट की है। लेकिन इसपर भी भारी अतिक्रमण कर नालों को 3 से 4 फिट में सिमटा दिया है। जबकि जमालपुर कारखाना, स्टेशन सहित कुल 36 वार्डो का घर का गंदा पानी इसी बड़े नालों से निकलकर बहियार की ओर जाता है।
उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन के पूर्वी ओर चमड़ा एवं मुरली नाला है। यहां भू-माफियाओं ने जमीन बेचने के क्रम में नाला की जमीन को भी अपना बताकर बिक्री कर डाला है। इससे नाला संर्कीण हो गयी है। वहीं पश्चिम दिशा की नालों की बात करें तो तिलखाना, झल्लू, नब्बी, सीताराम डीलर, डोका एवं मुंगेर जमालपुर पथ के दोनों तरफ के नाले शामिल है। नब्बी नाला पर एक विशेष वर्ग के लोग ने लोहो का गेट लगाकर वाहन पार्किंग जोन बना डाला है। वहीं सदर बाजार की वार्ड नंबर 18 और 21 की तिलखाना और झल्लू नाला का भी हाल बुरा है। यहां लोगों ने अपना घर का दरबाजा नाला पर निकालकर आवाजाही के लिए स्लैब लगा दिया है। नालों पर स्लैब फिक्स रहने से नाला जाम पर सफाई नहीं हो पाती है।
नाले-नालियों को सिमेंटेड करने से जल स्तर गिरा नीचे
करीब डेढ़ सौ साल से अंग्रेजों ने जिन नाले व नालियों का निर्माण किया था। उसमें ईंट का खरंजा दिया गया है। इससे पानी सोख्ता का काम करता था। लेकिन अब अधिकांशत नाले व नालियां सीमेंटेड बनाया जाता है। इससे पानी जमीन में नहीं पहुंच पाता। और गर्मी में जल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है।
क्या कहती है मुख्य पार्षद
बरसात के पहले बड़े व छोटे नालों की समुचित साफ सफाई कराने का आदेश दिया गया है। जहां अतिक्रमण है, वहां नोटिस देकर अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके लिए नप प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है।
पार्वती देवी, मुख्य पार्षद, नप जमालपुर
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