फिर बढ़ने लगा गंगा नदी का जलस्तर, बढ़ सकती है प्रभावित क्षेत्र के लोगों की परेशानी
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे मुंगेर में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में लोग मवेशियों के साथ बबुवा घाट में डेरा जमाए हुए हैं और प्रशासनिक मदद की कमी से जूझ रहे...
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। गंगा नदी के जलस्तर में एक बार फिर से वृद्धि होने लगी है। बुधवार को गंगा नदी का जलस्तर 38.44 मीटर दर्ज किया गया है। प्रति तीन घंटे पर एक सेंटीमीटर जलस्तर में वृद्धि हो रही है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार पटना, बक्सर सहित यूपी में गंगा नदी का जलस्तर में वृद्धि जारी है। अगर जलस्तर में वृद्धि होती रही तो गंगा नदी लाल निशान को भी पार कर सकती है। हालांकि इलाहाबाद में गंगा नदी के जल स्तर में कमी आ रही है। इससे ऐसा लगता है कि जलस्तर में ज्यादा बढ़ोतरी होने की संभावना कम है। गौरतलब है कि मुंगेर में गंगा नदी का डेंजर लाइन 39.33 मीटर निर्धारित है। अब गंगा नदी का जलस्तर लाल निशान से महज 89 सेंटीमीटर दूर रह गई है। जबकि गंगा नदी का जलस्तर अब भी वार्निंग लेवल से ऊपर बह रही है। जिले में गंगा नदी का वार्निंग लेवल 38.33 मीटर निर्धारित है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। अगर फिर से गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होती है तो प्रभावित क्षेत्र के लोगों की स्थिति और भी बदतर हो सकती है।
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बबुवा घाट में अपने मवेशियों के साथ डेरा जमाए हैं प्रभावित सीताचरण के प्रभावित लोग:
सदर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित जाफरनगर पंचायत के सीताचरण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रही है। अब भी बाढ़ प्रभावित कई लोग अपने मवेशियों के साथ बबुवा घाट में डेरा जमाए हुए हैं। बबुवा घाट में ठहरे जाफरनगर के प्रभावित लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासनिक स्तर पर उन्हें कोई मदद नहीं मिल रहा है। प्रशासनिक स्तर पर सिर्फ एक दो नाव की व्यवस्था की गई है, जो प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिये नाकाफी है। प्रभावित लोग अपने भाड़े किराए पर खुद व अपने मवेशियों को ऊंचे स्थानों की ओर ले जाने को मजबूर है।
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क्या कहते हैं प्रभावित लोग:
बाढ़ से प्रभावित जाफरनगर पंचायत अंतर्गत सीताचरण के शंकर सिंह, मंटू कुमार, सुगिया देवी, मनिया देवी आदि ने कहा कि हमलोगों को बबुवा घाट पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध कराए गए नाव से हमलोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। निजी नाव में मनमाना भाड़ा वसूला जा रहा है। एक मवेशी का दो से तीन सौ रुपया लिया जाता है। जबकि प्रति व्यक्ति दोनो तरफ का 20 रुपया भाड़ा वसूल करता है। जो हमलोगों के लिये परेशानियों का कारण है।
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बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन की पैनी नजर है। प्रभावित लोगों के लिये सरकारी स्तर पर नाव उपलब्ध कराया गया है। सरकारी मापदंड के अनुसार प्रभावित लोगों के लिये सभी तरह की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग हर परिस्थितियों से निपटने को तैयार है।
कुमार अभिषेक, प्रभारी जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मुंगेर।
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