गंगा नदी डेंजर लाइन के पार, छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा
हुंच गया जलस्तर कहीं पंचायत कार्यालय तो कहीं स्कूल में घुसा बाढ़ का पानी कुतलूपुर के प्रभावित लोगों को नाव से पहुंचाया जा रहा मेदनीचौकी स्थित अमरपुर आश
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। मुंगेर में गुरुवार को गंगा नदी डेंजर लाइन को पार कर गया। शाम चार बजे तक डेंजर लाइन 39.33मीटर की जगह 39.39मीटर तक पहुंच गया। शाम 05 बजे शहर के लल्लू पोखर, कासिम बाजार, बेलन बाजार, लाल दरवाजा आदि मोहल्लों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार दो तीन दिनों तक जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका बनी हुई है। गुरुवार को गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटे दो सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है। जलस्तर में भारी वृद्धि के कारण जिले के पांच प्रखंडों की कई पंचायतों में फिर बाढ़ का पानी फैलने के कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। जानमाल की सुरक्षा को लेकर ऊंचे स्थानों की ओर लोग पलायन कर रहे हैं। यदि यही स्थित रही तो बाढ़ विकराल रूप ले सकता है।
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घरों में पानी प्रवेश करने के कारण सूखा भोजन करने को मजबूर प्रभावित लोग:
पिछले दो दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के कारण जाफरनगर, कुतलूपुर, टीकारामपुर, आदर्शग्राम टीकारामपुर, मनियारचक सहित बरियारपुर प्रखंड की कई पंचायतों में प्रभावित अपने बच्चों के साथ सूखा भोजन जैसे चूड़ा, मूढ़ी फांककर समय बिताने को मजबूर हैं। अब तक जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों की भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है। प्रशासन का कहना है कि सारी व्यवस्था कर ली गई है। आश्रय स्थल पर पहुंचने वालों को पका हुआ भोजन के साथ ही शुद्ध पानी, चिकित्सा सुविधा सहित पशुओं के सूखा चारा की व्यवस्था की गई है।
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दो दिनों में बाढ़ से बेहाल हो गए प्रभावित क्षेत्र के लोग:
एक सप्ताह पहले बाढ़ का खतरा टल जाने के बाद निश्चिंत हो चुके लोगों को पिछले दो दिनों में तेजी से जल वृद्धि के कारण प्रभावित क्षेत्र के लोगों का हाल बेहाल हो गया। नाव की कमी के कारण पलायन को लेकर अपने बारी का इंतजार छत पर बैठकर करने को मजबूर हैं। गौरतलब है कि टीकारामपुर, कुतलूपुर, जाफरनगर के लोगों को ऊंचे जगहों पर जाने के लिये एक मात्र नाव ही सहारा है। क्योंकि जिला मुख्यालय से पहले ही सड़क संपर्क भंग हो गया है। प्रभावित क्षेत्र की सड़कों पर वाहन की जगह नाव चल रहा है।
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पशुओं के लिये चारा जुटाना प्रभावितों के लिये किसी चुनौतियों से कम नहीं:
बाढ़ प्रभावितों के लिये एक तो अपनी जानमाल की सुरक्षा को लेकर चिंता है, तो वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने पशुओं के लिये चारा जुटाना भी किसी चुनौतियों से कम नहीं है। घर व बथानों में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण भूसा भी बर्वाद हो गया। अब उन्हें महंगे दर पर चारा खरीदना पड़ रहा है। जिसके कारण पशुओं को पालने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक जिला प्रशासन की ओर से पशुओं के लिये चारा की व्यवस्था नहीं की गई है।
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प्रभावित क्षेत्र के लोगों को ऊंचे स्थानों की ओर जाने के लिये नाव की हो रही कमी:
बाढ़ की समस्याओं के बीच प्रभावितों को नाव की कमी महसूस हो रही है। नाव की कमी रहने से प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराये गए नाव काफी कम है। ऐसी परिस्थितियों में प्रभावित लोग भाड़े के नाव से ऊंचे स्थानों पर पहुंच रहे हैं।
गौरतलब है कि मुंगेर सदर, बरियारपुर, धरहरा, जमालपुर, हवेली खड़गपुर तथा असरगंज के कई पचायत बाढ़ से प्रभावित है। सदर प्रखंड की जाफरनगर तथा कुतलूपुर, टीकारामपुर, के साथ ही बरियारपुर प्रखंड की कई पंचायतों की स्थिति बाढ़ के कारण सबसे अधिक बदहाल हो गया है।
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बाढ़ की स्थिति से पिटने के लिये जिला प्रशासन आश्रय स्थल पर भोजन, पानी के साथ ही चिकित्सा की व्यवस्था कर रखी है। ऊंचे स्थानों पर जाने के लिये नाव की व्यवस्था पहले से ही कर दी गई है। सबसे अधिक प्रभावित मुंगेर सदर तथा बरियारपुर के लिये 19-19 आश्रय स्थल बनाए गए हैं। बाढ़ से संबंधित सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
कुमार अभिषेक, जिला प्रभारी आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मुंगेर।
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बॉक्स के लिये
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी, जैसी कहावत को चरितार्थ कर रहे नाविक
ऊफनाती गंगा में पशुओं के साथ लोगों को लेकर नाव का परिचालन करते नाविक
कभी भी हादसे का कारण बन सकती है, और खगड़िया वाली नौका दुर्घटना की हो सकती है पुनरावृत्ति
18 अगस्त 2013,23 अगस्त 2017 को मुंगेर में हुई थी नौका दुर्घटना
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। कहते हैं सावधानी हटी, दुर्घटना घटी, इस कहावत को इन दिनों उफनाती गंगा में चरितार्थ हो रही है। गुरुवार को कुतलूपुर से प्रभावितों को बाढ़ आश्रय स्थल अमरपुर ले जाने के दौरान नाव पर आदमी के साथ घोड़ा व मवेशी भी एक साथ देखने को मिला। जबकि वर्ष 2013 में आदमी के साथ पशुओं को नाव पर बिठाकर पार करने के दौरान दुर्घटना हो चुकी है। फिर भी इस तरह के नौका परिचालन पर रोक नहीं लगाई जा रही है। जो कभी भी हादसे का कारण बन सकती है और खगड़िया वाली नौका दुर्घटना की पूर्नावृति हो सकती है। वैसे भी मुंगेर में पूर्व में यहां नौका दुर्घटना हो चुकी है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कई घाटों पर लबालब पानी भरा हुआ है। जबकि दियारा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बिकराल बनी हुई है।
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18 अगस्त 2013 को हुई थी नौका दुर्घटना:
बाढ़ प्रभावित जाफरनगर पंचायत के सीताचरण से सुबह आठ बजे एक नौका बाढ़ पीड़ितों को लेकर बबुआ घाट की ओर चली थी। नाव पर दर्जनों महिला-पुरुष, बच्चों के साथ ही चार भैंस, भूसे आदि को भी रख लिया था। बीच गंगा में तेज धारा के कारण नौका के डगमगाने पर सभी भैंसे एक तरफ हो गईं, जिससे नौका पलट गई। इस दुर्घटना में रॉबिन सिंह के एक वर्षीय पुत्र अजीत कुमार की मृत्यु हो गई थी। जबकि ललन सिंह की पत्नी लालो देवी (40), पुत्री सोनी कुमारी (10) पुत्र मोहन कुमार (3) व सिताबी सिंह लापता हो गये थे। जबकि अन्य लोगों को बड़े जहाज की सहायता से बचा लिया गया था।
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23 अगस्त 2017 की नौका दुर्घटना:
23 अगस्त 2017 को आदर्श ग्राम टीकारामपुर गांव निवासी शंभू साह का 17 वर्षीय पुत्र सत्यम कुमार की मौत शंकरपुर गंगा घाट पर नाव गंगा में डूबने से हो गयी थी। वह मवेशी और चारा लेकर नाव से दियारा क्षेत्र से लौट रहा था। लेकिन इसी बीच नाव गंगा में डूब गयी थी।
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अगर एक ही नाव पर मवेशी तथा आदमी को ढोया जा रहा हे तो इस ओर विशेष ध्यान दिया जायेगा। नाव की कमियों को पूरा किया जायेगा। जिससे कि एक ही नाव पर मवेशी व आदमी को नहीं ढोया जाये।
कुमार अभिषेक, जिला प्रभारी आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मुंगेर।
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मुंगेर सदर व बरियारपुर के 51 स्कूलों को अगले तीन दिनों तक डीएम दिया बंद रखने का निर्देश
21 सितंबर तक बंद रहेंगे प्रभावित स्कूल
बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जारी किया गया है आदेश
मुंगेर, निज प्रतिनिधि। जिले में बढ़ते गंगा के जल स्तर व बाढ़ के बीच डीएम अवनीश कुमार सिंह ने सदर एवं बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत बाढ़ प्रभावित कुल 51 स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद करने का आदेश दिया है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को बाढ़ प्रभावित सभी विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
डीएम ने कहा कि विगत तीन दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे सदर एवं बरियारपुर प्रखंड के कुल 51 स्कूल बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण इन सभी स्कूलों को 21 सितंबर तक बंद करने का निर्देश दिया गया है।
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इन विद्यालयों को बंद करने का दिया गया आदेश:
सदर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय तारापुर दियारा, मध्य विद्यालय महेशपुर, मध्य विद्यालय आदर्शग्राम टीकरामपुर, मध्य विद्यालय हेरूदियारा नगर मुंगेर, मध्य विद्यालय दिवानी टोला, प्राथमिक विद्यालय चौखंडी नगर मुंगेर, प्राथमिक विद्यालय शिवनगर, प्राथमिक विद्यालय सीताचरण मुफसिल, उत्क्रमित उच्च विद्यालय टिकारामपुर, उत्क्रमित उच्च विद्यालय जाफरनगर, गांधी उच्च विद्यालय कुतलुपुर, प्रा.वि. भगत महतो टोला, प्रा.वि. जयमंगल पासवान टोला, म.वि. भेलवा, प्रा.वि. बैद्यनाथ चांय टोला, म.वि. चमरू सिंह टोला, म.वि. जमीन डिगरी, म.वि. रामसिंह टोला, म.वि. कचहरी टोला, म.वि. शिवराम चौधरी टोला, म.वि. जीवू चौधरी टोला, प्रा.वि. रमायति चौधरी टोला, प्रा.वि. हृदय नारायण चौधरी टोला, प्रा.वि. शिव नगर कुतलुपुर, म.वि. टीकारामपुर, म.वि. भैयाराम राय टोला, म.वि. जगदीश मंडल टोला, म.वि. मटिहानी, म.वि. इंगलिश शिव टोला, प्रा.वि. बनारसी राय टोला, प्रा.वि. जालीम यादव टोला, प्रा.वि. लालू महतो टोला, प्रा.वि. काजो महतो टोला, प्रा.वि. भीम यादव टोला शामिल है।
वहीं बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत म.वि. कुर्मी टोला झौवा बहियार, प्रा.वि. धब्बा टोला झौवा बहियार, प्रा.वि. भेलवा हरिणमार, प्रा.वि. रैता हरिणमार, प्रा.वि. लक्ष्मीपुर हरिणमार, प्रा.वि. मुशहरी झौवा बहियार, म.वि. प्रेमनगर झौवा बहियार, प्रा.वि. बहादुरपुर, प्रा.वि. बहादुरपुर, प्रा.वि. मुड़ला मुशहरी, उत्क्रमित उच्च विद्यालय कल्याण टोला, म.वि. अनुसूचित जाति कल्याण टोला, प्रा.वि. काला टोला, प्रा.वि. एकाशी टोला, आदर्श उच्च विद्यालय घोरघट, प्रा.वि. टीकारामपुर रघुनाथपुर, प्रा.वि. अनुसूचित जाति टोला हरिणमार शामिल है। डीएम ने उक्त सभी विद्यालयों को बाढ़ के दृष्टिगत तत्काल तीन दिनों के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं।
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