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अरेराज में भटक कर आये हिरण को बचाने के लिए अभियान शुरु

अरेराज के दियारा और जंगली क्षेत्र में भटककर आने वाले हिरणों को बचाने के लिए वन विभाग ने अभियान शुरू किया है। दलदल में फंसने और कुत्तों के हमले से कई हिरणों की मौत हो चुकी है। वनकर्मियों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीThu, 29 Aug 2024 10:49 PM
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मोतिहारी, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। अरेराज के दियारा व जंगली क्षेत्र में काफी संख्या में हिरण वाल्मीकिनगर से भटक कर चले आते हैं। दियारा क्षेत्र में दलदल रहने के कारण हिरण फंस जाते हैं। लाचार स्थिति में कुते उन्हें नोचने लगते हैं। कई बार तो कुते के शिकार बने जख्मी हिरण की जान चली गयी है। वन विभाग ने ऐसे हिरण को बचाने के लिये अभियान चलाया है। आधा दर्जन वनकर्मियों की हुई प्रतिनियुक्ति:

आधा दर्जन वनकर्मियों की अरेराज क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति की गयी है। वे हिरण के आगमन के क्षेत्र में भ्रमण कर खोज करेंगे। हिरण मिलने पर उसे सुरक्षित वाल्मीकिनगर पहुंचाया जायेगा। बाढ़ के समय या अन्य दिन भी अरेराज के दियारा व जंगली इलाका में काफी संख्या हिरण भटक कर चले आते हैं। कुछ हिरण को गांव के लोग पकड़ लेते हैं या कुछ हिरण कुते का शिकार हो जाते हैं। नारायणी नदी के किनारे दलदल होने से हिरण फंस जाते हैं। फंसने के कारण वे एक ही जगह घंटों खड़े रहते है। इस बीच आवारा कुता उन्हें देखते ही टूट पड़ते हैं। आवारा कुतों का झूंड उन्हें नोचने लगता है। जिससे वे बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं। कुछ हिरण की तो दलदल में ही मौत हो जाती है। अगर गांव के लोग देख लिये तो उसे पकड़कर गांव में लाते हैं। पुलिस को सूचना मिलते ही उसे अपने कब्जा में लेकर वन विभाग को बुलाकर सौंप देती है। वन विभाग जख्मी हिरण का इलाज भी कराती है लेकिन अधिकतर की मौत हो जाती है। वन विभाग अब पहले से अलर्ट रहेगी और दलदल में फंसे हिरण का बचाव करेगी।

कई हिरण की हो चुकी है मौत

04 जनवरी 2019 को सोनबरसा में दलदल में फंसे हिरण को कुते ने नोंच डाला। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और जख्मी हिरण का अरेराज पशु अस्पताल में इलाज कराया। इलाज के बाद वाल्मीकिनगर ले जाने के दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गयी। 20 दिसम्बर 15 को बनकटवा में नेपाल से भटकर आये हिरण को बदमाशों ने पकड़कर उसका सिर व पैर काटकर भाग गया। इसी प्रकार 20 जुलाई 2020 को केसरिया कढ़ान के पास सात हिरण पकड़े गये थे। एक हिरण को कुते ने जख्मी कर दिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। वन विभाग ने उसको दफन किया था। अन्य हिरण को वाल्मीकिनगर सुरक्षित पहुंचाया गया। अरेराज क्षेत्र में भटक कर आने वाले हर माह एक हिरण ग्रामीण पकड़ते हैं।

अरेराज में हिरण के बचाव को लेकर वनकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। हिरण के बचाव को लेकर अभियान चलाया गया है। राजकुमार शर्मा, डीएफओ, पूर्वीचम्पारण।

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