Hindi Newsबिहार न्यूज़मोतिहारीAdapur Schools Face Severe Issues with Substandard Summerseble Installations and Water Supply Problems

आदापुर के विद्यालयों में असैनिक कार्य अधूरा, कई समरसेबल का निर्माण भी नहीं हुआ पूरा

प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालयों में समरसेबल गाड़ने में गड़बड़ी हुई है। घटिया समरसेबल पाईप और निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया है। पानी सप्लाई सुचारू नहीं है और बच्चों को परेशानी हो रही है। विभागीय स्तर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीMon, 19 Aug 2024 11:35 PM
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आदापुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों विद्यालयों में समरसेवल गाड़ने में भारी गड़बड़ी हुई है। कहीं समरसेबल गाड़ा नहीं जा सका सका है तो कही समर्सेबल गाड़े जाने के बाद भी प्याऊ निर्माण नहीं हो सका है। तो कही अभी तक पानी सप्लाई भी सुचारू नही है। कुछ ऐसी ही स्थिति उत्क्रमित प्लस टू माध्यमिक विद्यालय (मझरिया) की है। इस विद्यालय में ठेकेदार ने मानक के विपरीत काफी घटिया स्तर का समरसेबल पाईप गाड़ दिया और घटिया किस्म के ईट और बालू से प्यांऊ आदि निर्माण भी कराया। लेकिन अभी तक नल भी नहीं लगा है तथा पानी सप्लाई भी सुचारू नहीं हो सका है। बच्चों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है। वहीं,हरपुर उमावि के भी वैसे ही हालात है। पुराने चापाकल भी मोटर में जोड़े जाने से खराब हो चुके हैं। इस मामले को लेकर हरपुर उमावि की एचएम निशी कुमारी गुप्ता ने विभागीय स्तर पर लिखित आवेदन पत्र दे चुकी है।बावजूद,विभागीय स्तर से ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एचएम निशी कुमारी गुप्ता का कहना है जब वे संवेदक को कार्यपूर्णता की एनओसी नही दी,फिर योजना के प्राक्कलित राशि का भुगतान कैसे हो गया। जब समरसेबल निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए संवेदक से कहा जाता है तो वह कुछ नहीं सुनता है। फलत: अधूरे पड़े समरसेबल व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है। वहीं, उमवि भवानीपुर उर्दू में भी समर्सेबल गाड़ने के लिए पाइप आया किंतु बिना समरसेबल गाड़े संवेदक पुन: सभी मैटेरियल लेकर वापस लेकर चला गाया।तब से फिर नही आया।इस बाबत पूछे जाने पर एचएम मो.हारून कहते हैं कि संवेदक समरसेबल पाइप गाड़ना शुरू किया लेकिन उसका सैकड़ों फीट पाइप नीचे चला गया और वह बिना कार्य किए वापस लौट गया। इस तरह कई विद्यालयों की यही स्थिति है जहां शौचालय निर्माण से लेकर कई असैनिक कार्य अधूरे पड़े हुए है। बावजूद,विभागीय स्तर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे शिक्षकों व अभिभावकों में क्षोभ व्याप्त है।

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