गजब! अविवाहित होने के सबूत जुटा रहे 13 जिलों के ढाई हजार युवा, वजह चौंका देगी
इस तरह के सबसे अधिक मामले सीमांचल और कोसी के जिलों में देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली के सेव गर्ल सेव वीमेन नामक निजी स्वयंसेवी संस्था द्वारा किए गये सर्वे में यह बात सामने आई है।
उतर पूर्व के 13 जिलों के ढाई हजार से अधिक युवा अविवाहित होने का सबूत जुटा रहे हैं। ऐसे युवाओं पर जबरन शादी करने, अपहरण कर शादी करने, शादी की नीयत से बहला-फुसलाकर घर से भगाने और प्रेम-प्रसंग में ले जाकर बेच देने का आरोप है। न्यायालय द्वारा जब सजा के बिंदु पर सुनवाई की जा रही है तो निर्दोष साबित करने के लिए इस तरह के यतन किए जा रहे हैं। ऐसे लोग अपनी पंचायत या वार्ड जनप्रतिनिधि से मिलकर अविवाहित होने का सबूत लिखित रूप में लेने का प्रयास कर रहे हैं।
इस तरह के सबसे अधिक मामले सीमांचल और कोसी के जिलों में देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली के सेव गर्ल सेव वीमेन नामक निजी स्वयंसेवी संस्था द्वारा किए गये सर्वे में यह बात सामने आई है। संस्था के बिहार राज्य को-ऑर्डिनेटर मयंक सक्सेना ने बताया कि सीमांचल के चारों जिलों में प्रत्येक माह अपहरण कर नाबालिग की शादी करने के मामले लगभग 80 से 150 के बीच आ रहे हैं। यही हाल कोसी, भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय का है।
एक अन्य स्वयं सेवी संस्था (एनजीओ) भूमिका विहार की नेशनल को-ऑर्डिनेटर शिल्पी सिंह ने बताया कि थाना और परिवार के बीच कई प्रकार की तकनीकी दिक्कतें हैं। इस तरह के मामलों से निजात के लिए स्कूली जीवन से ही आवश्यक जानकारी देना जरूरी है। इसके लिए विषय वस्तु को पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा। इससे काफी लाभ होगा क्योंकि जानकारी होने पर ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी?
नाबालिग और पॉक्सों एक्ट के मामले को तेजी से साक्ष्य संकलन के साथ निपटाने को लेकर नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है। केस के आईओ को तकनीकी साक्ष्य संकलन करने में भी मदद की जा रही है। इस तरह के मामले प्रकाश में आने के बाद कठोर कार्रवाई की जाती है। -के. रामदास, एसपी सिटी, भागलपुर