ऐसे कैसे पढ़ेंगे बच्चे? 4000 से ज्यादा स्कूलों के पास नहीं है भवन, एक ही कमरे में तीन-तीन कक्षाएं
राज्यभर में 700 स्कूल ऐसे हैं जो शिफ्ट में चल रहे हैं। अपना भवन नहीं होने के कारण एक ही स्कूल परिसर में एक से अधिक स्कूलों का संचालन हो रहा है। एक परिसर में एक से अधिक स्कूल चलने से बच्चों की संख्या अधिक होती है। वहीं कई ऐसे भी स्कूल हैं जहां एक ही कमरे में तीन-तीन कक्षाओं का संचालन होता है।
बिहार के 4918 स्कूलों के पास अब भी अपना भवन नहीं है। ये स्कूल दूसरे स्कूलों के साथ मर्ज कर चलाए जा रहे। इसका खुलासा जून में सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद हुआ। मालूम हो कि सूबे में करीब 74 हजार सरकारी विद्यालय हैं। इनमें प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।
एक ही परिसर में एक से अधिक स्कूलों का संचालन
राज्यभर में 700 स्कूल ऐसे हैं जो शिफ्ट में चल रहे हैं। अपना भवन नहीं होने के कारण एक ही स्कूल परिसर में एक से अधिक स्कूलों का संचालन हो रहा है। एक परिसर में एक से अधिक स्कूल चलने से बच्चों की संख्या अधिक होती है। वहीं कई ऐसे भी स्कूल हैं जहां एक ही कमरे में तीन-तीन कक्षाओं का संचालन होता है। राजधानी पटना में भी ऐसे कई स्कूल हैं, जहां दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाती है। वर्ग कक्ष की कमी के कारण एक ही कमरे में दो- दो शिक्षक कक्षा लेते हैं।
जिनका अपना भवन, वहां अतिरिक्त कक्षा को मिली थी राशि
जिन स्कूलों का अपना भवन है, उन स्कूलों के लिए भी अतिरिक्त कक्षा के लिए पैसे मिले थे। इन स्कूलों में मर्ज किए गए स्कूलों के बच्चों के कारण एक ही कक्षा में दो-दो विषय के शिक्षक पढ़ाई न कराएं, इसके लिए 2023-24 में जो राशि दी गई थी उसका भी समुचित इस्तेमाल नहीं हो पाया। प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की रिपोर्ट बताती है कि 2023-24 में आठवीं तक के 278 भवनहीन विद्यालय का निर्माण किया जाना था। इनमें से मात्र 129 विद्यालय को ही अपना भवन मिल पाया है।