बिहार में चूना लगी रहीं चिटफंड कंपनियां, दो लाख से ज्यादा लोग ठगी के शिकार, कार्रवाई में ढिलाई
चिटफंड कंपनियों ने दो लाख से अधिक बिहारियों को चूना लगाया है। यह खुलासा बड्स एक्ट को लेकर आई शिकायतों के आधार पर बनाई गई वित्त विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट का आंकड़ा सभी जिलों को भेजा गया है। जिसमें जिलावार आई शिकायत और हुई जांच का ब्योरा दिया गया है।
चिटफंड कंपनियों ने दो लाख से अधिक बिहारियों को चूना लगाया है। यह खुलासा बड्स एक्ट को लेकर आई शिकायतों के आधार पर बनाई गई वित्त विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट का आंकड़ा सभी जिलों को भेजा गया है। जिसमें जिलावार आई शिकायत और हुई जांच का ब्योरा दिया गया है। रिपोर्ट बताती है कि बिहार सरकार के पास 2,01,444 शिकायतें आईं। इनमें मात्र 39,258 की जांच हुई है। शेष 1,62,186 आवेदनों की जांच लंबित है। एक्ट में प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है। इसलिए सांस्थिक वित्त निदेशालय ने दोनों अधिकारियों को लंबित शिकायतों की जांच कराते हुए रिपोर्ट देने को कहा है।
सांस्थिक वित्त निदेशालय ने जिलावार बनाई सूची बड्स एक्ट (अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी अधिनियम) के लागू होने के बाद राज्य सरकार ने चिटफंड कंपनियों में फंसी रकम और ठगी की शिकायत लोगों की संख्या जानने के लिए सभी जिलों में शिविर लगाया था। ऑनलाइन शिकायत भी मांगी थी। जिसके बाद अब तक दो लाख एक हजार 444 लोगों की शिकायत वित्त विभाग के पास आई। विभाग के अधीन कार्यरत सांस्थिक वित्त निदेशालय ने वर्ष 2023 व 2024 में आई शिकायत की जिलावार सूची प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम को भेजी है। जिसमें बताया गया है कि किन जिलों से कितनी शिकायतें मिली और कितनी शिकायतों पर जांच शुरू हुई।
जिला शिकायतें
मुजफ्फरपुर 2,677 सीतामढ़ी 6
शिवहर 340
वैशाली 1,464
छपरा 4,033
सीवान 3,967
गोपालगंज 5,144
दरभंगा 6,073
मधुबनी 737
समस्तीपुर 1,165
सहरसा 0
मधेपुरा 633
सुपौल 937
पूर्णिया 273
किशनगंज 641
अररिया 167
बांका 424
मुंगेर 2,545
जमुई 0
लखीसराय 3,424
गया 907
नवादा 4
जहानाबाद 0
औरंगाबाद 0
अरवल 0
बेगूसराय 50,000
खगड़िया 32,820
कैमूर 30,031
भागलपुर 30,000
कटिहार 12,426
पटना 2,381
नालंदा 928
भोजपुर 1,764
रोहतास 2,249
बक्सर 974
बेतिया 10
मोतिहारी 1,872
2022 से जिलों में पीड़ितों से मांगी जा रही शिकायत
तीन साल पहले ही राज्य सरकार ने पीड़ितों की मदद को बड्स एक्ट लागू की है। जबकि केंद्र सरकार ने 2019 में ही एक्ट बना दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के पास पांच जिलों बेगूसराय, खगड़िया, कैमूर, भागलपुर और कटिहार से सबसे अधिक शिकायतें आईं। बेगूसराय से 50,000, खगड़िया से 32,820, कैमूर से 30,031, भागलपुर से 30,000 और कटिहार से 12,426 शिकायतें आईं। कुछ जिलों में जांच शुरू हुई तो कई जिलों में अधिकारियों ने चुप्पी साध ली।
क्या है बड्स एक्ट
सामान्य कारोबार के दौरान ली गई जमाराशियों को छोड़कर, अविनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक व्यापक तंत्र का प्रावधान करने और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए अधिनियम 2019 में लाई गई। इससे कंपनियों का पता चलता है। राशि वसूली के लिए कंपनियों की संपत्तियां नीलाम कर पीड़ितों को दी जाएगी।