अनंत सिंह को AK-47 केस में पटना हाईकोर्ट ने बरी किया, जेल से रिहा होंगे बाढ़ के 'छोटे सरकार'
बताया जा रहा है कि इस केस में सबूत के अभाव में अनंत सिंह को बरी किया गया है। इस केस में साल 2016 में अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा था।
बिहार के मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। चर्चित AK-47 केस में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस केस में सबूत के अभाव में अनंत सिंह को बरी किया गया है। इस केस में साल 2016 में अनंत सिंह को जेल जाना पड़ा था। पटना से सटे बाढ़ के इलाके में अनंत सिंह को 'छोटे सरकार' के नाम से भी जाना जाता है। AK-47 मामले में बरी होने के बाद अब अनंत सिंह जेल से बाहर आ जाएंगे। आपको बता दें कि इसी मामले में सिविल कोर्ट ने पूर्व विधायक को 10 साल की सजा हुई थी। लेकिन अब पूर्व विधायक को राहत मिल गई है।
पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस चंद्र शेखर झा ने अनंत सिंह को बरी किए जाने का आदेश दिया था। अदालत ने अनंत सिंह को पटना स्थित उनके आवास से 24 जून, 2015 को मिले इंसाल रायफल मैगजीन और बुलेट प्रूफ जैकेट से जुड़े केस में बरी किया। इसके अलावा उन्हें बाढ़ स्थित उनके गांव नदवां के घर के मिले एके-47, कारतूस और 2 ग्रेनेड मिलने के मामले में रिहा किया है।
यहां आपको यह भी बता दें कि इसी साल मई के महीने में अनंत सिंह 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर भी आए थे। अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक बने थे लेकिन अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया था। यानी एके-47 मामले में अनंत सिंह की विधायकी भी चली गई थी। बाद में अनंत सिंह ने पटना स्थित सिविल कोर्ट के फैसले को पटना उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए दालत का दरवाजा खटखटाया था।
अनंत सिंह तथा उनके एक केयर टेकर पर 15 अक्टूबर, 2020 को आरोप गठित किया गया था। इस कांड की जांच बाढ़ अनुमंडल की तत्कालीन एएसपी लिपी सिंह ने किया था। साल 2019 में अनंत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। बहरहाल अब इस मामले में कोर्ट से राहत मिलने के बाद ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अनंत सिंह गुरुवार को जेल से बाहर आ सकते हैं।
दरअसल साल 2019 में पुलिस की रेड के दौरान अनंत सिंह के घर से एके 47 राइफल, ग्रेनेड और कारतूस मिले थे। इस मामले में पुलिस ने अनंत सिंह और उनके एक करीबी सुनील राम के खिलाफ आर्म्स ऐक्ट के तगत केस दर्ज किया गया था। हालांकि, इस केस में अनंत सिंह शुरू में गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे थे लेकिन एक हफ्ते के बाद उन्होंने दिल्ली की एक स्थानीय अदालत में सरेंडर कर दिया था।